24 फरवरी (ब्यूरो): कस्बे के निकटवर्ती मोहराई गांव में 23 फरवरी को एक नया इतिहास लिखा गया। एक पिता ने अपनी खरी कमाई का खूब पैसा अपनी बेटी के विवाह के साथ साथ गौ सेवा, अनाथ आश्रम और धार्मिक स्थलों में दान के रूप में लगाकर इस शाही शादी को एक ऐतिहासिक रूप दे दिया। गौ भक्त बाबूसिंह, सुखदेवसिंह, ओमसिंह, ढगलसिंह, महेंद्रसिंह पिंटू, गोविंदसिंह सेवड़ राजपुरोहित, मोहराई की बिटिया वंशिका राजपुरोहित की शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। इस शाही शादी में करोड़ों रुपए का खर्चा किया गया, जिसमें गांव के एक निचले वर्ग से लेकर के उच्च वर्ग तक सभी को इस शादी में कुछ न कुछ तो दिया ही गया है।
बताया जा रहा है कि एक समय था जब बाबूसिंह जी राजपुरोहित मात्र 100 रुपए प्रति माह की नौकरी किया करते थे। उन तकलीफों से गुजर कर कड़ी मेहनत करते हुए अपने सुपुत्र ढगल सिंह एवं महेंद्रसिंह पिंटू को पढ़ा लिखा कर बेंगलुरु भेजा। मेहनत मजदूरी कर व्यापारिक क्षेत्र में कदम रखा। शुरू से ही बाबूसिंह एवं उनका परिवार बड़ा ही सरल स्वभाव का दयालु और आध्यात्मिक विचारों वाला था। जब बेटों ने व्यापार संभाल लिया तो पिता बाबूसिंह पैतृक गांव में गौशाला चलाने लगे। आज भी बाबू सिंह सुबह + 4 बजे उठकर पूजा पाठ करके सीधा
गौशाला चले जाते हैं। राजस्थान की ऐतिहासिक शाही शादी की आज संपूर्ण देश में चर्चा हो रही है।
हेलिकॉप्टर से आई बारात
जब दूल्हा कुलदीपसिंह जागरवाल हेलिकॉप्टर से बारात लेकर पैतृक गांव भैसाना से मोहराई के लिए पहुंचे, तो 5 किलोमीटर तक स्वागत किया गया। दूल्हे को हाथी के ऊपर बिठाया । गया एवं बाकी सभी बारातियों को घोड़े, ऊंट, बैल गाड़ियों पर बग्गियों एवं हेरिटेज कारों मैं बिठाकर लाया गया। इस शाही बारात को देखने के लिए भीड़ जमा होने से जाम लग गया। बाहर से आए वेटर: रिसेप्शन में सैकड़ों तरह के व्यंजन तैयार किए गए। भोजन करने वाले भी सोचने लगे की थाली में क्या-क्या लें। जयपुर हाईवे के में यह आयोजन हुआ। बाहर से आने वाले हजारों मेहमानों के लिए स्पेशल ठहरने की व्यवस्था की गई।
कन्यादान में दिया यह उपहार
बैंगलोर में 12 हजार स्क्वायर फीट फैक्ट्री, एक मकान का प्लॉट, बेंगलोर में प्लॉट, हाउसिंग बोर्ड पाली में 2 बीघा जमीन, 1 करोड़ 8 लाख एफडी, 200 किलो चांदी के फर्नीचर एवं बर्तन 3 किलो सोना, एक्सयूवी गाड़ी और एक एक्टिवा गाड़ी और आजीवन प्रतिमाह 1 लाख 1 हजार रुपए बेटी को उपहार के रूप में प्रदान किए जाएंगे।
नोटों की हुई बारिश : बारात के स्वागत एवं विदाई के समय राजपुरोहित परिवार ने लाखों रुपए लुटाए। पैसे उठाने वाले इतने खुश हो गए की मानों उन्हें आज जन्नत मिल गई हो। उनके जीवन काल की यह ऐसी शाही शादी थी।