
लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले किसानों द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के ऐलान के बाद तीन केंद्रीय मंत्रियों ने चंडीगढ़ में किसान नेताओं से मुलाकात की और उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। इसके बाद भी किसान दिल्ली कूच के फैसले पर अड़े नजर आ रहे हैं। सरकार उन्हें रोकने का इंतजाम कर रही है, जिस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सवाल उठाए हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो पोस्ट शेयर कर पूछा है कि किसानों की राह में कील और कांटे बिछाना अमृतकाल है या अन्याय? प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि इस असंवेदनशील और किसा

न विरोधी रवैये ने 750 किसानों की जान ले ली। किसानों के ख़िलाफ़ काम करना, फिर उन्हें आवाज़ भी नहीं उठाने देना – ये कैसी सरकार का लक्षण है?
‘किसान देश की सरकार के पास नहीं आएंगे तो कहां जाएंगे?’
कांग्रेस नेता प्रियंका ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ”किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए। न तो किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कानून बनाया गया और न ही किसानों की आय दोगुनी हुई। फिर देश के किसान सरकार में नहीं आओगे तो कहां जाओगे?”
देश के किसानों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों?
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए यह भी कहा, “देश के किसानों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है? आपने किसानों से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा क्यों नहीं करते?”
मार्च में 200 से ज्यादा किसान संगठन हिस्सा लेंगे
दरअसल, फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई मांगों को स्वीकार करने के लिए एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम द्वारा केंद्र पर बनाए गए दबाव के मद्देनजर ‘दिल्ली चलो’ कार्यक्रम की घोषणा की गई है। इस मार्च में 200 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हैं। सरकार ने उन्हें उनके प्रस्तावित दिल्ली चलो मार्च से एक दिन पहले 12 फरवरी को दूसरे दौर की चर्चा के लिए भी आमंत्रित किया है।