जिस लड़की की बिहार पुलिस को थी 5 साल से तलाश, वह दिल्ली में कांस्टेबल की ट्रेनिंग करते हुए मिली

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बिहार के मुजफ्फरपुर से पांच साल पहले 16 साल की एक लड़की किडनैप हुई थी जो आज दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल बन गई है। इन पांच सालों में लड़की के घर वालों और पुलिस को उसके बारे में कोई अता-पता नहीं था। उसे किसने और क्यों किडनैप किया था और वह पुलिस कांस्टेबल कैसे बन गई? यह रोचक कहानी पढ़कर आप भी दांतों तले उंगलियां दबाएंगे।

तारीख 12 जून 2018, मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां पुलिस थाने में एक शख्स अपने बेटी के अगवा होने की रिपोर्ट लिखाने आता है। लड़की का पिता पुलिस को बताता है कि वो माहपुर गांव का रहने वाला है और उसकी 16 साल की बेटी को बाजार से तीन लोगों ने किडनैप कर लिया है। आरोपियों का नाम मुन्ना, सुकेश और सूरज है। ये सभी हथौड़ी पुलिस थाना इलाके के शाहबाजपुर के रहने वाले हैं।

पिता की शिकायत पर पुलिस केस दर्ज कर लेती है और छानबीन शुरू करती है। मगर हाथ कुछ नहीं लगता है। इस बात को पांच साल बीत गए। साल 2023 आ गया है। बोचहां थाने में अरविंद प्रसाद नाम के नए एसएचओ की नियुक्ति होती है। अरविंद ने ड्यूटी ज्वाइन करते ही थाने के लंबित केस को रिव्यू करना शुरू किया। तभी पांच साल पहले अगवा हुई उस लड़की के केस की फाइल उनके हाथ लगती है। उन्हें पता चलता है कि अभी तक इस केस में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई और लड़की का पता भी नहीं चल पाया है। एसएचओ अरविंद प्रसाद इस केस के जांच अधिकारी रहे रमाशंकर से बात करते हैं। इसके बाद इस केस की जांच फिर से शुरू होती है।

पुलिस को ऐसे मिला लड़की का नंबर

नए एसएचओ के नेतृत्व में पुलिस टीम फिर से लड़की के घर पहुंची। उसके पिता और परिवार वालों से बात की तो, उन्हें लड़की के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद पुलिस पूछताछ के लिए आरोपियों के घर पहुंची। वहां से पता चला कि पांच साल पहले अगवा हुई लड़की उसके किसी दूर के रिश्तेदार के संपर्क में है। पुलिस फिर उसके पास पहुंची और वहां से लड़की का फोन नंबर मिला। पुलिस ने नंबर मिलाया तो दूसरी तरफ से लड़की की आवाज आई। पुलिस ने तुरंत उसे थाने में बुला लिया।

लड़की का अपहरण हुआ था?

16 जनवरी 2023 को वह लड़की बोचहां पुलिस थाने पहुंची। वह अब 21 साल की हो चुकी है और अविवाहित है। उसने पुलिस को बताया कि पांच साल पहले उसका किसी ने अपहरण नहीं किया था। वह आरोपियों को भी नहीं पहचानती है। उसने बताया कि वह बहुत गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। उसके पिता मजदूर हैं। पैसों की तंगी के चक्कर में पिता उसका बाल विवाह करवाना चाहते थे। मगर वह पढ़ाई करना चाहती थी।

घर से क्यों भागी थी?

शादी की बात से डरकर वह एक दिन घर से भाग गई और बिना किसी को बताए दिल्ली चली गई। दिल्ली में उनसे जैसे-तैसे अपनी पढ़ाई जारी रखी। उसने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लिया और दिल्ली पुलिस के एग्जाम में सलेक्ट हो गई। अब वह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल की ट्रेनिंग ले रही हैं। मुजफ्फरपुर में लड़की ने जांच अधिकारी और मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया और वापस दिल्ली लौट गईं। उसकी यह कहानी सुनकर हर कोई दांतों तले उंगली दबा रहा है और उसके संघर्ष की तारीफ कर रहा है।

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