धोती-कुर्ता गले में पटका रुद्राक्ष, काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारी के वेश में तैनात होंगे पुलिसकर्मी

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धोती-कुर्ता गले में पटका रुद्राक्ष, काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारी की पोशाक में UP पुलिस
धोती-कुर्ता गले में पटका रुद्राक्ष, काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारी की पोशाक में UP पुलिस

 वाराणसी : काशी में इन दिनों यूपी पुलिस नए कलेवर में नजर आ रही है। बाबा विश्वनाथ के दरबार की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के वेशभूषा को लेकर यूपी पुलिस निशाने पर आ गई है। यहां भीड़ को नियंत्रण कर रहे पुलिसकर्मी खाकी वर्दी के बजाय धोती कुर्ता और गले में ओम नम: शिवाय का पटका ओढ़कर ड्यूटी करते नजर आए। पुलिस वाले बाकायदा एक शिव भक्त की भांति माथे पर चंदन का त्रिकुंड और गले में रुद्राक्ष की माला डाले हुए नजर आ रहे हैं। ये मंदिर में जलाभिषेक करने आए श्रद्धालुओं को नो टच पॉलिसी के तहत हाथ जोड़कर ड्यूटी करते देखे गए।

पुलिस कमिश्नर ने दी ये दलील

दरअसल, वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के प्रयास में पुजारी की पोशाक में पुलिस अधिकारियों को कार्यक्रम स्थल पर तैनात किया गया है। पुलिस के इस कदम से विवाद पैदा हो गया है। उधर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसकी निंदा की और उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए। ये पहल कोई और नहीं बल्कि खुद जोन के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने आदेश पर शुरू हुई है। पुलिस कमिश्नर का कहना है बाबा के दरबार में पुलिसिंग की अलग व्यवस्था के तहत इस कदम को उठाया गया है। मंदिर गर्भ गृह के आसपास तैनात पुलिसकर्मियों को गुड पुलिसिंग के तहत श्रद्धालुओं से कुशल व्यवहार करने की ट्रेनिंग दी गई है। ताकि मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालु पुलिस की अच्छी व्यवस्था को पहचान सकें। हालांकि, मंदिर के गर्भगृह के बार पुलिस खाकी वर्दी में ही नजर आएगी।

अखिलेश यादव ने उठाए ये सवाल

जानकारी के लिए बताते चलें कि इससे पूर्व भी मंदिर के गर्भगृह में पुलिसकर्मियों को धोती कुर्ता में तैनात किया गया था, लेकिन कुछ समय बाद उस व्यवस्था को हटा लिया गया। अब एक बार फिर पुलिस को इस पोशाक में देखकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अपने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्टविटर) पर एक वीडियो पोस्ट कर पूछा है कि “किस ‘पुलिस मैनुअल’ के अनुसार पुलिसकर्मियों को पुजारी की पोशाक में रखना सही है? ऐसे आदेश देने वालों को निलंबित कर दिया जाना चाहिए। अगर, कल को कोई ठग इसका फायदा उठाकर भोली-भाली जनता को लूट ले तो यूपी सरकार और प्रशासन क्या जवाब देगा। उन्होंने इसे निंदनीय करार दिया है।

उधर, वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल का कहना है कि कि यह पहल न केवल भक्तों की भारी आमद को प्रबंधित करने के लिए की गई है, बल्कि उन्हें मंदिर में आने पर प्रभु के अच्छे दर्शन करने में भी मदद करेगी।

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