विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में जातिगत जनगणना और ओबीसी का आरक्षण 21 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने की मांग अब सियासी मुद्दा बन गया है। महाकुंभ में जाट समाज के नेता को सीएम बनाने की मांग भी उठी, वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर किसान आंदोलन की चेतावनी दी है। दूसरी तरफ, जाट समाज के अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि सरकार समाज को कम आंकने लगी थीं, इसलिए उन्हें ये ताकत दिखाई है। तो मंत्री हेमाराम चौधरी ने इशारों-इशारों में मंत्रियों के पास कोई अधिकार नहीं होने की बात कहकर सियासी चर्चा छेड़ दी है। दरअसल, जातिगत जनगणना और ओबीसी आरक्षण को लेकर जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में जाट महाकुंभ में सभी पार्टियों के नेता जुटे। महाकुंभ में प्रदेश भर से जाट समाज के लोगों ने शिरकत की।
जाट महासभा अध्यक्ष बोले- केंद्र में आज केवल दो राज्य मंत्री
जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने खुलकर कहा कि सरकारें जाटों की ताकत को कमतर आंकने लग गई, इसलिए ताकत और एकजुटता दिखाने के लिए हमने महाकुंभ रखा और सब पार्टियों के नेताओं को एक मंच पर लाए। एक जमाना था कि जब केंद्र और राज्य में जाट समाज के बड़े-बड़े ताकतवर मंत्री हुआ करते थे। आज हालत यह है कि केंद्र में केवल 2 राज्य मंत्री हैं। वही हालत राजस्थान सरकार के मंत्रियों में है। मील ने कहा कि राजस्थान में जाट मंत्री हैं, लेकिन उनके पास में कोई अधिकार नहीं है। कोई जमाना था जब जाट समाज के मंत्री सीएम से सामने कह देते थे कि यह गलत है, नहीं चलेगा और उनकी बात मानी जाती थी। हमारी वह ताकत खत्म हो गई है, हमें सरकारें कमजोर आंकने लग गई हैं।
जिस हैसियत में हूं, पहले समाज का हूं :- डोटासरा
महाकुंभ में शामिल हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मैं जिस हैसियत में हूं, मेरी पार्टी के नेता और मेरी पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठकर भी मैं पहले समाज का हूं। डोटासरा ने समाज के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि दो बातों का ध्यान रखें, एक तो किसी भी दूसरे समाज के खिलाफ एक भी गलत शब्द नहीं निकलना चाहिए। यह प्रण लेकर हमें यहां से जाना पड़ेगा। दूसरा अगर हम किसी की मदद कर रहे हैं तो चुपचाप करें। हमारे समाज में यह कमी है कि हल्ला करते हैं कि हम मदद करेंगे, तब तक दुश्मन सक्रिय हो जाता है और हमारे समाज के व्यक्ति की मदद नहीं हो पाती है।
राकेश टिकैत बोले- फिर किसान आंदोलन करना पड़ेगा
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने जाट महाकुंभ में लोगों से फिर आंदोलन के लिए तैयार रहने को कहा है। राकेश टिकैत ने कहा कि एक बड़ा आंदोलन फिर करना होगा। किसान की जमीन छीनने का बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है। पूरे देश भर में जमीन बचानी है। सरकारों की पॉलिसी खराब है। जिसके पास 10 साल पुराना ट्रैक्टर खेत में काम कर रहा है, ट्रैक्टर तैयार रखें, खेत में काम करने वाला ट्रैक्टर हमारे आंदोलन में सड़क पर टैंक का काम करेगा। आप तैयार रहना, समय और जगह बता दी जाएगी। टिकैत ने कहा कि सरकारों की गलत नीतियों पर फिर आंदोलन होगा। अगला आंदोलन एमएसपी पर खरीद के लिए कानून बनाने का होगा, हमारी फसलें बिकने का होगा, मोटे अनाज का होगा। टिकैत ने कहा कि सरकार किसान पॉलिसी ला रही है, 10 साल पुराना ट्रैक्टर बंद होगा। अब 10 साल में कौन किसान ट्रैक्टर बदल सकता है? सरकार चाहे कोई हो, चाहे केंद्र की सरकार हो या राज्य की, उनकी गलत नीतियों के खिलाफ हैं। हम किसी पार्टी के खिलाफ नहीं हैं।
हेमाराम चौधरी बोले- मंत्री के कुछ हाथ में होगा तो ही काम करेगा
वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने इशारों में सरकार के मंत्रियों के पास पावर नहीं होने की बात कहकर चर्चाएं छेड़ दी हैं। जाट महाकुंभ में हेमाराम ने कहा- बात चलती है कि मंत्री काम नहीं कर रहे, मंत्री के कुछ हाथ में होगा तो काम करेगा ना। मंत्री के हाथ में कितना है, वह तो मंत्री जानते हैं, उनको पता है। यह बात सार्वजनिक रूप से कहने की नहीं है, लेकिन जितना हाथ में है, उतना करने की कोशिश करते हैं। मैं जब राजस्व मंत्री था तो किसी भी समाज ने जमीन मांगी सबको दी। चौधरी ने कहा कि अकेले जाट समाज से नहीं, दूसरे समाजों को भी साथ लेना होगा। कई लोग कहते हैं कि दूसरे समाजों के लोग हमें चाहते नहीं है, क्यों नहीं चाहते? हो सकता है हमारे अंदर भी कुछ कमी होगी, आप उनके साथ ऐसा व्यवहार करें, उनसे मित्रता रखो तो दूसरे समाज क्यों नहीं आपको चाहेंगे। अगर राजनीतिक क्षेत्र में आगे बढऩा है तो और लोगों को साथ जोडऩा पड़ेगा। मंत्री हो या कोई और पद, सब पद मुझे मिले यह भावना हो गई, इस से काम नहीं चलेगा। हेमाराम ने कहा कि जाट समाज के लोग सब पार्टियों में हैं, कोई किसी पार्टी में रहे, सबका सम्मान करना चाहिए। अभी केंद्र में कैलाश चौधरी कृषि राज्यमंत्री हैं, पूरे देश में केवल एक बाजरा अनुसंधान केंद्र है जो राजस्थान में केवल बाड़मेर के गुढामालानी में दिया है। वे इस पद पर हैं तब तो बाजरा अनुसंधान केंद्र मिल गया, कैलाश हमारी पार्टी के नहीं हैं, लेकिन किसानों की अगर कोई भलाई का काम करता है उसकी हमें तारीफ करनी चाहिए।