राजस्थान कैबिनेट से हटाए जाने के बाद राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने गहलोत सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जनता मेरे साथ रहेगी, मैं उनके लिए काम करूंगा। चाहे वह (अशोक गहलोत) मुझे कैबिनेट से हटाएं या जेल भेजें। गुढ़ा ने कहा, गोविंद सिंह डोटासरा ने मुझ पर बीजेपी से मिलीभगत के आरोप लगाए हैं।
गहलोत सरकार में कैबिनेट से हटाए जाने के बाद राजेंद्र गुढ़ा ने सीएम अशोक गहलोत सहित अन्य कांग्रेस नेताओं पर जमकर जुबानी हमला बोला है। गुढ़ा ने कहा, मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने मुझ पर बीजेपी से मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। लेकिन अगर सीएम गहलोत और वसुंधरा राजे एक हो जाएं तो कोई बात नहीं। गुढ़ा ने कहा, मैं नहीं होता तो सीएम गहलोत आज जेल में होते।
बर्खास्त किए गए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा, गहलोत सरकार जब संकट में थी और धर्मेंद्र राठौड़ के यहां ईडी और इनकम टैक्स के छापे मारे जा रहे थे। तब मुख्यमंत्री गहलोत ने मुझे बुलाया और वो लाल डायरी लाने को बोले थे। मैं 9वीं मंजिल पर 150 सीआरपीएफ जवानों के बीच में घुसते हुए दरवाजा तोड़कर लाल डायरी लेकर आया और गहलोत सरकार बचाई।
गुढ़ा ने कहा, मेरे बेटे के जन्मदिन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुरवाटी आए थे। उस दौरान भी उन्होंने लाल डायरी वाली बात कही थी। गहलोत ने कहा था कि यदि राजेंद्र गुढ़ा नहीं होता, तो मैं मुख्यमंत्री नहीं होता और यह सरकार नहीं होती। गुढ़ा ने कहा, मुझे सुनवाई का तनिक भी मौका नहीं दिया गया। कोर्ट में भी मुकदमा चलता है तो पूरा प्रोसिजर अपनाया जाता है। पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज होता है, फिर चालान पेश होता है। गवाहों के बयान होते हैं, दोनों पक्षों के वकीलों की कोर्ट में बहस होती है। उसके बाद कहीं कोर्ट फैसला सुनाता है। लेकिन यहां तो सीधे ही राजेंद्र गुढ़ा को उड़ा दिया और आदेश दे दिया कि राजेंद्र गुढ़ा बर्खास्त।
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा, मैंने महिलाओं से दुष्कर्म का मुद्दा उठाया था। इसीलिए मुझे मेरी जनता ने चुनकर विधानसभा सदन में भेजा था। राजस्थान में महिलाओं से दुष्कर्म हो रहे हैं। उसी मुद्दे को लेकर मैंने कहा था कि मणिपुर से पहले हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। तो मैंने क्या गुनाह कर दिया, जो मुझे बर्खास्त कर दिया? राजेंद्र गुढ़ा बोले, मैं उदयपुरवाटी और अपने क्षेत्र की जनता के लिए आवाज उठाता रहूंगा। चाहे जीतूं या हारूं, चाहे जेल में रहूं।