राजस्थान के बड़े होटल और बजरी कारोबारी पर छापेमारी भाजपा, कांग्रेस दोनों में संबंध

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राजस्थान के बड़े होटल और बजरी कारोबारी पर छापेमारी भाजपा, कांग्रेस दोनों में संबंध
राजस्थान के बड़े होटल और बजरी कारोबारी पर छापेमारी भाजपा, कांग्रेस दोनों में संबंध

जयपुर : राजस्थान में आज बजरी कारोबारी मेघराज सिंह के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की। सिंह के जयपुर और उदयपुर समेत कई शहरों में स्थित ठिकानों पर कार्रवाई की गई है। कार्रवाई में विभाग की जयपुर और दिल्ली की टीमें शामिल हैं। इस दौरान कई बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि 2020 में सियासी संकट के वक्त मेघराज सिंह के जैसलमेर स्थित सूर्यगढ़ होटल में भी कांग्रेस नेताओं की बाड़ेबंदी की गई थी।

जानकारी के अनुसार- मेघराज और गडानी ग्रुप पर आज सुबह 4 बजे से ईडी की टीमें छापेमारी कर रही है। जयपुर में 200 फीट बाईपास के पास मुख्य ऑफिस, वैशाली नगर स्थित मेघराज आवास, पानीपेच चौराहे के पास बजरी कार्यालय पर कार्रवाई की जा रही है। वहीं टोंक, भरतपुर, सवाई माधोपुर की साइट पर भी ईडी की टीम पहुंची है। उदयपुर में तीन जगहों पर सर्चिंग की जा रही है। जानकारी के अनुसार आज रात तक गुजरात की ईडी की टीम भी जयपुर,उदयपुर और अन्य ठिकानों पर पहुंच कर आगे के सर्च में हिस्सा लेने वाली हैं। इस ग्रुप ने कई व्यापारियों को अपना पार्टनर बना रखा है। जिस में बीजेपी-कांग्रेस के लीडर सहित दिल्ली के बिजनेसमैन भी शामिल हैं। ईडी जांच का दायरा भी बढ़ा सकती हैं।

दरअसल, इनके नाम खान घोटाले में सामने आए थे। जिसके आधार पर ईडी अधिकारियों ने कई कारोबारियों को रडार पर ले रखा था। उसी के आधार पर यह कार्रवाई बताई जा रही हैं। अलसुबह एक साथ कई ठिकानों पर ईडी की टीम पहुंचीं। ईडी की कार्रवाई से कारोबारियों में हड़कंप मच गया। सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान शाम तक कई बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं। ईडी की टीम को आज सर्च के दौरान मेघराज सिंह नहीं मिले। ईडी के अधिकारियों ने परिवार को उन्हे बुलाने के लिए कहा है, लेकिन सुबह 5 बजे से 11 बजे तक मेघराज सिंह ईडी के अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए हैं। ईडी के अधिकारी मेघराज सिंह की तलाश में कई अन्य जगहों पर भी सर्च कर रहे हैं।

ईडी के पास जानकारी है कि ये लोग खान विभाग के अधिकारियों को कैश में रिश्वत दिया करते थे। किसी भी प्रकार का रिश्वत का पेमेंट ऑनलाइन नहीं होता था। ग्रुप के कुछ लोग खान विभाग में संविदा पर काम कर रहे हैं। जो विभाग की सभी गतिविधियों के बारे में समय-समय पर ग्रुप को अपडेट किया करते थे। नदी से बजरी कितनी उठ रही है, खनन विभाग के अधिकारियों से मिली भगत कर इसकी जानकारी में गड़बड़ी की जा रही थी। कुल 1500 करोड़ की गड़बड़ी का अनुमान है। साथ ही ईडी को सूचना मिली है कि जो भी इनके पास लीज है। वह इन लोगों ने सरकार से कम दामों में अपनी फर्म के नाम करवा ली थी। इसके आधार पर सरकार को भी करोड़ों का नुकसान हुआ था, लेकिन इनकी कम्पनी को बड़ा फायदा हुआ था।

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