लंदन: राजपुरोहित समाज ने विदेशी धरती पर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए वार्षिक उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया। युवा उद्यमी हनवंतसिंह राजपुरोहित ने बताया कि इस सम्मेलन में राजस्थानी पोशाक, खानपान के साथ रीति रिवाज से आयोजन किया गया। बेटियों ने मेहमानों के तिलक लगाकर स्वागत किया वहीं जय रघुनाथजी री सा, पधारो सा आदि संबोधन से ठेट राजस्थानी में अभिवादन किया।
राजस्थानी भासा, संस्कृति के संरक्षण के लिए आगे आया राजपुरोहित समाज
सम्मेलन में सांकरणा निवासी भंवरसिंह राजपुरोहित ने सभी को अपनी हथेली से डार्क चॉकलेट का पानी देखकर मनवार की गई। हनवंतसिंह राजपुरोहित ने उपस्थित बंधुओं को ‘प्रोजेक्ट राजपुरोहितम’ के बारे में अवगत करवाते हुए बताया कि यह पहचान, संस्कृति तथा भाषा के संरक्षण पर आधारित है।
नितेश राजपुरोहित ने कहा कि हमें अपनी सांस्कृक्तिक जड़ों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है, प्रोजेक्ट राजपुरोहितम् भावी पीढ़ीयों के लिए हमारी परंपराएं और सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखने के लिए जरूरी है। इस दौरान एक जाजम पर बैठकर मंत्रणा की गई।
सम्मेलन का समापन पारंपरिक तरीके से सामूहिक भोजन, परंपरागत नृत्य के साथ हुआ। कार्यक्रम में आशा-भंवरसिंह राजपुरोहित, ललिता मितेश राजपुरोहित, पूजा दशरथ पुरोहित सांचौर, रेखा-विनोद पुरोहित सिरोही, लक्ष्मी महेंद्रसिंह धुरासणी, अनोपसिंह राजपुरोहित मुरखा, प्रकाश पुरोहित बाडवा, चारूलता, दलपतसिंह करमावास, गौरी राजपुरोहित सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने शिरकत की।