श्री आई माताजी के धर्म रथ वैल का बधावा किया गया

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श्री आई माताजी के धर्म रथ वैल का बधावा किया गया
श्री आई माताजी के धर्म रथ वैल का बधावा किया गया

पाली :जिला स्थिति ग्रांम गुड़ा मोकमसिंह में श्री आई माताजी के धर्म रथ वैल का गाजे बाजे व महिलाओं द्वारा गीतों के साथ भव्य रुप से बधावा किया गया। बधावा में गांव के समस्त सीरवी भाई-बहन बच्चो व बुजुर्ग पधारकर श्री आई माताजी धर्म रथ वैल  पर विराजमान श्री आई माताजी के दर्शन के लाभ लेकर खुशी जाहिर की। श्री आई माताजी धर्म रथ वैल के दर्शन के लिए पधारे एवं संध्या आरती में भाग लिया।

साथ में पधारे तेलंगाना राज्य अखिल भारतीय सीरवी महासभा के अध्यक्ष हरजीराम काग एवं संगारेड्डी बडेर के अध्यक्ष रुगाराम परिहारीया,व दिपाराम काग गुड़िया महेन्द्र जी कपासी एवम् समस्त वैल मण्डली। का भी मान सम्मान के साथ स्वागत किया गया । उसके बाद रात्रि 8 बजे से रात में साढ़े ग्यारह बजे तक धर्म सभा सीरवी समाज के समस्त भाई बहनों बच्चो ओर बुजुर्गो की उपस्थित में महेन्द्र कापसी और दीपाराम काग गुड़िया द्वारा इतिहास, श्री आई माताजी इतिहास और संस्कार निर्माण पर उद्बोधन दिया।

इस गांव में लगभग 500- 600 घर की बस्ती है। जिसमें सीरवी समाज का बाहुल्य है। सीरवी समाज के अलावा राजपूत, राजपुरोहित, देवासी, कुम्हार, दर्जी, मेघवाल, नायक सहित 36 काम के लोग बसते हैं। इस गांव में सीरवी समाज के लगभग ढाई सौ घर है जिसमें मुलेवा , सोलंकी, लचेटा, परिहार, राठौड़, सातपुरा , गहलोत, चोयल, खण्डाला,देवड़ा,होम्बड़ और भायल मुख्य कर रहते है, गुड़ा मोकम सिंह में श्री आई माताजी का मंदिर बडेर बहुत पुराना है।

जिसमें बिलाड़ा की लाल गादी पाट के साथ बिठौड़ा की सफेद गादी पाट की स्थापना सन 1966 में उस समय के जति मोती बाबा जी एवं बिठौड़ा पीर जोरसिंह के कर कमल से संपन्न हुई थी।जो आज दिन तक एक ही मंदिर में साथ साथ स्थापित है एवं एक ही पुजारी द्वारा सेवा पूजा की जा रही है। अब इस मंदिर के पास सभा भवन भी बनाया गया है लेकिन सीरवी रामलाल मुलेवा ने बताया की वैल के रुकने पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है एवं आसपास के घर में सुविधा का सहारा लेना पड़ता है,अब सीरवी समाज ने हिम्मत कर धनला रोड पर दो बीघा है जमीन क्रय की है जिस पर भविष्य में भव्य मंदिर के साथ मैरिज गार्डन भी बनाने की योजना है।

mahatvapoorna
Author: mahatvapoorna

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