नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बड़ा झटका शुक्रवार को लगा। लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया है। दरअसल, सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे। कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी को उनकी मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि संविधान के अनुच्छेद 102(1)(e) और जनप्रतिनिधि कानून के तहत सदस्यता रद्द की गई है। राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद थे. 2019 के चुनाव में राहुल अमेठी के साथ-साथ वायनाड सीट पर भी खड़े हुए थे। अमेठी में वो हार गए थे, मगर वायनाड में उन्होंने बड़ी जीत हासिल की थी। वायनाड में राहुल गांधी ने 2019 में 65 फीसदी वोट हासिल किए थे। दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई हो तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी। इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता सच बोलने के कारण समाप्त की गयी है। श्री खड़गे ने यहां संवाददाताओं से गांधी की सदस्यता समाप्त किये जाने पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कहा, हम लोग सदन के अंदर और बाहर तथा आम सभाओं में सच बोलते रहेंगे। लोकतंत्र को बचाने के लिए पार्टी नेताओं को जेल भी जाना पड़े, तो जायेंगे। आज भी 140 लोगों को हिरासत में लिया गया है। अडानी मामले की संयुक्त जांच समिति से जांच की मांग आगे भी बनी रहेगी।
खड़गे ने कहा, ये किसी समाज के संबंध में नहीं है जो लोग पैसे लेकर भागे, जैसे ललित मोदी, नीरव मोदी और विजय माल्या वे क्या पिछड़े समाज से थे? ये लोग ऐसी अनुभूति बना रहे हैं कि राहुल गांधी ने पिछड़े समाज के बारे में बोला है। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की आज शाम पांच बजे पार्टी कार्यालय में बैठक बुलायी गयी है जिसमें गांधी की सदस्यता समाप्त किये जाने को लेकर रणनीति तैयार की जायेगी। श्री खडगे ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि सच बोलने वाला कोई सदस्य सदन के अंदर रहे। उन्होंने कहा, हम अंदर भी सच बोलेंगे और बाहर भी सच बोलेंगे। उल्लेखनीय है कि गांधी की लोकसभा की सदस्यता मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा दिये जाने के बाद समाप्त की गयी है। गांधी केरल के वायनाड सीट से लोकसभा सदस्य थे।
केंद्रीय मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने कहा, राहुल गांधी सोचते थे कि देश के संविधान और कानून से वे ऊपर हैं। सूरत की अदालत के फैसले के बाद स्पीकर ने ये निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री बी.एल. वर्मा बोले, हमारे देश में कानून का राज चलता है, ये कोर्ट का फैसला है। इसपर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, जब राहुल गांधी ने अडानी पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछे थे उसी समय से इन्होंने इस प्रकार साजिश राहुल गांधी की आवाज को दबाने के लिए शुरू कर दी थी। मोदी सरकार के मंत्रियों ने कई बार राहुल गांधी के खिलाफ गलत आरोप लगाए। लोकसाभ में राहुल गांधी को बोलने का और अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया। ये साफ-साफ भाजपा सरकार के लोकतंत्र विरोधी और तानाशाह वाले मनोभाव को दर्शाता है।