1993 सीरियल बम धमाकों के मामले में टाडा कोर्ट ने सुनाया फैसला, बरी हुआ करीम टुंडा

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1993 सीरियल बम धमाकों के मामले में टाडा कोर्ट ने सुनाया फैसला, बरी हुआ करीम टुंडा
1993 सीरियल बम धमाकों के मामले में टाडा कोर्ट ने सुनाया फैसला, बरी हुआ करीम टुंडा

अजमेर की टाडा अदालत ने 1993 के सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है। जबकि इरफान, हमीमउद्दीन को दोषी करार दिया गया है। अब्दुल करीम टुंडा के वकील शफिकतुल्ला सुल्तानी ने कोर्ट के बाहर बयान देते हुए कहा– “माननीय अदालत ने अब्दुल करीम टुंडा को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। सीबीआई अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ कोई भी मजबूत सबूत पेश करने में नाकाम रही है।

इरफान, हमीमउद्दीन दोषी करार

अदालत ने अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ सबूतों की कमी का हवाला देते हुए अन्य दो आरोपियों – अमीनुद्दीन और इरफान को दोषी ठहराया है और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अब्दुल करीम कई और भी मामलों में आरोपी है। 84 साल के अब्दुल करीम का जन्म 1941 में गाजियाबाद के पिलखुवा में हुआ था। अब्दुल करीम को 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों में आरोपी बनाया गया था। ये धमाके कोटा, कानपुर, सिकंदराबाद और सूरत से गुजरने वाली ट्रेनों में हुए थे।

बंबई बम धमाकों के कुछ ही महीनों बाद ट्रेन बम धमाकों ने देश को झकझोर कर रख दिया था। इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई थीं और मामला एक स्पेशल कोर्ट के अधीन जारी था। अब कोर्ट ने इस मामले में अब्दुल करीम को सबूत ना मिलने की वजह से रिहा कर दिया है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 23 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

वकील ने क्या कहा?

अब्दुल करीम टुंडा के वकील शफिकतुल्ला सुल्तानी ने कोर्ट के बाहर यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि–“अब्दुल करीम टुंडा को माननीय अदालत ने बरी कर दिया है। जल्द ही आपको पूरी जानकारी दी जाएगी लेकिन हमने माननीय अदालत के समक्ष अपनी बात पूरी तरह रखी थी। कोई डायरेक्ट सबूत उनके खिलाफ नहीं है। खुद सीबीआई के गवाहों ने कहा है कि हमें अब्दुल करीम टुंडा के इस मामले में होने की कोई जानकारी\सबूत किसी ने नहीं दिया है।” वकील ने बताया–“अदालत ने अब्दुल करीम को सभी हत्या के आरोप और दूसरे आरोपों से रिहा कर दिया है।”

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