बंगाल में मार्च के पहले हफ्ते में ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश में राम नवमी (17 अप्रैल) पर छुट्टी की घोषणा कर दी थी। इसलिए कल बुधवार 17 अप्रैल को पहली बार है जब प्रदेश में रामनवमी को सभी सरकारी कार्यालय और स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे। बंगाल में दुर्गा पूजा, काली पूजा और सरस्वती पूजा बड़े त्योहार के रूप में मनाए जाते हैं। कई अन्य त्योहारों पर सार्वजनिक अवकाश होता था, लेकिन राम नवमी पर बंगाल में अवकाश नहीं होता था। बंगाल में कई बार ऐसी घटनाएं हुंई जब सीएम की चुनावी दौरे में या उन्हें देखकर कुछ लोगों ने जय श्रीराम के नारा लगा दिया। सीएम काफिले को रोककर नारे लगाने वालों का क्वलास लगा देतीं थी।
जहां तक रही बात खुद को हिंदुओं का समर्थक दिखाने के लिए वो विधानसभा चुनावों के दौरान सार्वजनिक रूप दुर्गा स्त्रोत का पाठकर खुद को कट्टर हिंदू दिखाने की कोशिश की थी। पर जय श्रीराम नारे से उन्होंने दूरी बनाए रखी। पर इस बार लोकसभा चुनावों के दौरान वो बदली-बदली दिख रही हैं। विशेषकर हिंदू वोटों के लिए वो काफी मुखर हो गईं हैं। उन्होंने कई फैसले भी किए हैं जो यह दिखाता है कि उन्हें हिंदुओं के नाराज होने की चिंता है। आइये देखते हैं कि ऐसा क्यों महसूस किया जा रहा है। यह पहली बार है कि जादवपुर परिसर के अंदर ऐसा जुलूस निकाला जाएगा। पश्चिम बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी में अब रामनवमी के त्योहार के दिन रैली का आयोजन किया जाएगा। जादवपुर विश्वविद्यालय ने 17 अप्रैल को छात्रों के एक समूह द्वारा कैंपस के अंदर रामनवमी रैली आयोजित करने की अनुमति दे दी है।
ममता ने घोषित की छुट्टी
बंगाल के मुख्यमंत्री 17 अप्रैल को आगामी हिंदू त्योहार राम नवमी से पहले एक ईद कार्यक्रम में शांति और एकता बनाए रखने के बारे में चिंताओं को संबोधित कर रही थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर कोई दंगा करने आता है, तो आपको चुप रहना चाहिए, अपना सिर ठंडा रखना चाहिए। अगर कोई विस्फोट होता है, तो वे (भाजपा) सभी को गिरफ्तार करने के लिए एनआईए भेजते हैं। सभी को गिरफ्तार करने से आपका देश उजाड़ हो जाएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 11 अप्रैल को कोलकाता में ईद की नमाज के दौरान यह बात कही। ईद के भाषण से एक दिन पहले, 10 अप्रैल को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने राम नवमी को राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया, जिस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुटकी ली। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी अपनी हिंदू विरोधी छवि को भुनाने की कोशिश कर रही हैं।
राम नवमी उत्सव का किया विरोध
नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के बालुरघाट में जनसभा को संबोधित करते हुए ममता सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये पहली रामनवमी है, जब अयोध्या में भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हो चुके हैं। मुझे पता है टीएमसी ने हमेशा की तरह यहां रामनवमी उत्सव को रोकने की पूरी कोशिश की, सारे षड्यंत्र किए। लेकिन जीत सत्य की ही होती है। इसलिए कोर्ट से अनुमति मिल गई है और कल पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ रामनवमी की शोभायात्राएं निकलेगी। मैं बंगाल के मेरे सभी भाई-बहनों को इस अवसर पर बधाई देता हूं।
राम नवमी पर पश्चिम बंगाल में राजनीति
भाजपा ने इससे पहले 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन छुट्टी की घोषणा नहीं करने के लिए पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार की आलोचना की थी। छुट्टी घोषित होने के बाद, भाजपा ने राज्य में रामनवमी पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के बंगाल सरकार के फैसले को देरी से लिया फैसला बताया। बीजेपी मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा कि ममता बनर्जी हर बार ‘जय श्री राम’ सुनते ही गुस्से से लाल हो जाती थीं। उन्होंने राम नवमी (17 अप्रैल) को पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। ऐसा उन्होंने अपनी हिंदू विरोधी छवि को भुनाने के लिए किया है। हालाँकि बहुत देर हो चुकी है… इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि रामनवमी के जुलूस पर कोई पथराव न हो। क्या वह? जय श्री राम। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरोप लगाती रही हैं कि बीजेपी और आरएसएस राज्य में दंगों की साजिश रच रहे हैं। बीजेपी ने राज्य में सांप्रदायिक अशांति के लिए ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। राज्य में 2023 में रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा की कई घटनाएं देखी गईं।
रामनवमी पर बंगाल में हिंसा
रामनवमी का प्रवेश राज्य में भाजपा के प्रवेश के साथ हुआ, जो ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी पर बढ़त हासिल करने की कोशिश कर रही है। पूरे पश्चिम बंगाल में राम नवमी जुलूसों ने 2017, 2018 और 2023 में राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव फैलाया। 2023 में हावड़ा, हुगली, शिबपुर और दिनाजपुर के दालखोला में हिंसा की घटनाएं सामने आईं। वाहनों को आग लगा दी गई, दुकानों में तोड़फोड़ की गई और पथराव किया गया, रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समुदायों के समूहों के बीच झड़प हुई। इससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने “दंगा” के लिए दक्षिणपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया।