बाड़मेर: पश्चिमी राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर में बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में काउंटर टेररिज्म डिमॉन्सट्रेशन मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस संयुक्त अभ्यास का आयोजन पुलिस, सेना, एयरफोर्स और प्रशासन की ओर से किया गया। इसका उद्देश्य आतंकी हमले जैसी स्थिति में सुरक्षा बलों की तत्काल प्रतिक्रिया, समन्वय और सामरिक क्षमता का परीक्षण करना था।
आतंकियों के घुसने का काल्पनिक परिदृश्य
ड्रिल के दौरान एक काल्पनिक परिदृश्य बनाया गया, जिसमें तीन नकली आतंकी कलेक्ट्रेट भवन में घुसकर कुछ लोगों को बंधक बना लेते हैं। अचानक हुई इस घटना से पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और घेराबंदी की। सेना और एयरफोर्स की टीमें भी हरकत में आईं और संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया।
संयुक्त कार्रवाई और रेस्क्यू ऑपरेशन
करीब एक घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने एक आतंकी को मार गिराया, जबकि दो आतंकियों को जिंदा पकड़ लिया। इस दौरान बंधकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि ड्रोन के जरिए पूरे इलाके की निगरानी की गई। इसके साथ ही केंद्रीय नियंत्रण केंद्र और मोबाइल कमांड पोस्ट सक्रिय किए गए।

जय हिंद के नारों से गूंजा परिसर
बंधकों को सुरक्षित निकालने के बाद परिसर “जय हिंद” के नारों से गूंज उठा।
इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेन्द्र सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जस्साराम बोस, सेना के अधिकारी, एनसीसी कैडेट्स, होमगार्ड और आरएसी के जवान मौजूद रहे।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य
पुलिस अधीक्षक मीणा ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन के बीच समन्वय और तत्काल कार्रवाई की क्षमता को परखना था। यह अभ्यास वास्तविक हमले जैसी संवेदनशील स्थिति से निपटने की तैयारी को मजबूत करने के लिए किया गया।