📍 डूंगरपुर : राजस्थान के डूंगरपुर जिले में पुलिस कस्टडी में युवक दिलीप अहारी की मौत के बाद चार दिनों से चल रहा बवाल आखिरकार शांत हो गया। दोवड़ा थाने में चोरी के आरोपी दिलीप की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे इलाके में प्रदर्शन शुरू हो गया था।
विभाग की त्वरित कार्रवाई
घटना के बाद विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए थानाधिकारी तेजकरण सिंह, हेड कांस्टेबल वल्लभराम पाटीदार समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। बुधवार देर शाम प्रशासन और पीड़ित परिवार के बीच समझौता हुआ। इस समझौते में 27.50 लाख रुपये मुआवजा और मृतक के पिता जीवराज अहारी को नौकरी देने पर सहमति बनी।
चार दिन तक चला हंगामा
जानकारी के अनुसार, 26 सितंबर को दोवड़ा थाना पुलिस ने चोरी के मामले में दिलीप अहारी को हिरासत में लिया था। पूछताछ के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई। पहले उसे डूंगरपुर अस्पताल, फिर उदयपुर रेफर किया गया। 30 सितंबर को दिलीप की मौत हो गई। इसके बाद आदिवासी समाज और परिवार ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए धरना शुरू कर दिया। पहले थाने के बाहर और फिर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन हुआ।
आदिवासी समाज की मांगें
आदिवासी समाज ने 1 करोड़ रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग रखी। आंदोलन के दौरान विधायक उमेश मीणा और सांसद राजकुमार रोत ने कई दौर की वार्ता की। मंगलवार को टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सांसद मन्नालाल रावत, कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और एसपी मनीष कुमार के साथ भी बातचीत हुई, लेकिन सहमति नहीं बनी। बुधवार को विधायक उमेश मीणा के नेतृत्व में 10 लोगों का प्रतिनिधिमंडल एडीएम दिनेशचंद्र धाकड़ और एएसपी अशोक कुमार से मिला। कई घंटों की चर्चा के बाद समझौता हुआ।
27.50 लाख मुआवजा और नौकरी
समझौते में परिवार को 27.50 लाख रुपये का मुआवजा और मृतक के पिता जीवराज अहारी को टीएडी हॉस्टल में चतुर्थ श्रेणी संविदा कर्मचारी की नौकरी देने पर सहमति बनी। साथ ही पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया।

अंतिम संस्कार की तैयारी
समझौते के बाद दिलीप का शव उदयपुर अस्पताल की मोर्चरी से पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। गुरुवार को उसके गांव कलारिया में अंतिम संस्कार होगा। समझौते के बाद इलाके का माहौल शांत होने लगा है