📍 चेन्नई : तमिलनाडु में भाषा विवाद फिर से गरमा गया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार विधानसभा में एक बिल पेश करने जा रही है, जो राज्य में हिंदी भाषा के उपयोग पर कड़े प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव करता है। इस बिल के तहत हिंदी गानों, फिल्मों, होर्डिंग्स और बोर्ड्स पर पूर्ण बैन लगाने की योजना है। इस बिल का उद्देश्य प्रदेश में हिंदी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाना है।
विशेषज्ञों के साथ की थी बैठक
बता दें कि इस बिल को लेकर मंगलवार को स्टालिन सरकार ने विशेषज्ञों के साथ एक बैठक की थी। विशेषज्ञों ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक संविधान के अनुरूप होगा और कानूनी अनुपालन बनाए रखते हुए भाषाई पहचान को बढ़ावा देने की राज्य की नीति को प्रतिबिंबित करेगा। वहीं विपक्ष इसे विभाजनकारी राजनीति बता रहा है।
हम हिंदी थोपे जाने के खिलाफ हैं – डीएमके
डीएमके के वरिष्ठ नेता टीकेएस एलंगोवन ने विधेयक को लेकर कहा कि हम संविधान के विरुद्ध कुछ नहीं करेंगे। हम उसका पालन करेंगे। हम हिंदी थोपे जाने के खिलाफ हैं।
BJP ने बताया मूर्खतापूर्ण कदम
हालांकि, भाजपा नेता विनोज सेल्वम ने स्टालिन सरकार के इस कदम को “मूर्खतापूर्ण और बेतुका” बताया और कहा कि भाषा का इस्तेमाल राजनीतिक उपकरण के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम विवादास्पद Foxconn निवेश मामले से ध्यान हटाने के लिए उठाया गया है।
बजट में रुपये के लोगो को बदल दिया गया
बता दें कि इस साल मार्च में एमके स्टालिन सरकार ने 2025-26 के राज्य बजट लोगो में राष्ट्रीय रुपये के प्रतीक चिह्न (₹) को तमिल अक्षर ‘ரூ’ (रु) से बदल दिया। इस बदलाव की निर्मला सीतारमण और भाजपा नेताओं ने आलोचना की थी।