📍 पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की वोटिंग खत्म होने के बाद विभिन्न सर्वे एजेंसियों ने अपने एग्जिट पोल्स जारी कर दिए हैं। लगभग सभी एग्जिट पोल्स में एनडीए की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है, जबकि विपक्षी महागठबंधन को झटका लगने की संभावना जताई गई है।
एग्जिट पोल्स का रुझान, एनडीए को बढ़त
इस बार बिहार में रिकॉर्ड वोटिंग हुई, जिससे राजनीतिक विश्लेषकों के लिए अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण हो गया है। हालांकि, अधिकांश एग्जिट पोल्स एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। तेजस्वी यादव विपक्षी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं, लेकिन उनके पक्ष में उम्मीदें कमजोर दिखाई दे रही हैं।
- पीपल्स पल्स: एनडीए को 133-159, महागठबंधन को 75-101, जनसुराज को 0-5 और अन्य को 2-8 सीटें मिलने का अनुमान।
- IANS-Matrize: एनडीए को 147-167, महागठबंधन को 70-90, जनसुराज को 0-2 और अन्य को 0-5 सीटें।
- दैनिक भास्कर: एनडीए को 145-160, महागठबंधन को 73-91, जनसुराज को 0-3 और अन्य को 5-7 सीटें।
- पीपल्स इनसाइट: एनडीए को 133-148, महागठबंधन को 87-102, जनसुराज को 0-2 और अन्य को 3-6 सीटें।
- JVC: एनडीए को 135-150, महागठबंधन को 88-103, जनसुराज को 0-1 और अन्य को 3-6 सीटें।
- P-Marq: एनडीए को 142-162, महागठबंधन को 80-98, जनसुराज को 1-4 और अन्य को 0-3 सीटें।
- चाणक्य स्ट्रेटजी: एनडीए को 130-138, महागठबंधन को 100-108, जनसुराज को 0 और अन्य को 3-5 सीटें मिलने का अनुमान।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को वोटिंग हुई थी। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
नीतीश कुमार का महिला वोट बैंक पर मास्टर स्ट्रोक
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार भी नीतीश कुमार का “महिला वोट बैंक” कार्ड निर्णायक साबित हुआ है। बिहार में हर चुनाव में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया है, और इस बार भी यही रुझान देखने को मिला। नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देकर बड़ा दांव चला था। यह राशि जीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं के खातों में भेजी गई थी।
चला नीतीश का 10 हजार वाला दांव
2 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीविका दीदियों के खाते में 10-10 हजार रुपये डालने की घोषणा की थी। इस योजना का असर लगभग 1.50 करोड़ महिलाओं तक पहुंचा।
यदि एक महिला औसतन तीन मतदाताओं को प्रभावित करती है, तो लगभग 4.5 करोड़ वोट इस दांव से प्रभावित हुए। अनुमान है कि यदि इनमें से 60% ने भी एनडीए को वोट दिया, तो लगभग 2.7 करोड़ वोट एनडीए के पक्ष में गए होंगे, जो कुल मतदाताओं का 38% है — यानी सरकार बनाने के लिए निर्णायक आंकड़ा।
तेजस्वी यादव की घोषणाओं की काट
तेजस्वी यादव ने महिला वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए कई योजनाएं घोषित की थीं — जैसे विधवा, बेसहारा और बुजुर्ग पेंशन बढ़ाना, जीविका दीदियों को 30 हजार रुपये देने का वादा और “माई बहिन योजना” शुरू करना। नीतीश कुमार ने जवाबी चाल के रूप में वृद्धा पेंशन 400 से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दी, महिलाओं को 10 हजार रुपये के साथ 2 लाख रुपये तक बिना ब्याज कर्ज की सुविधा दी और सरकारी नौकरियों में 35% महिलाओं को आरक्षण की घोषणा कर दी।
महिलाओं को साधने की नीतीश की पुरानी रणनीति
नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता संभालने के बाद से ही महिला मतदाताओं को अपनी नीतियों के केंद्र में रखा।
- 2006: मुख्यमंत्री साइकिल योजना (लड़कियों के लिए)
- 2010: छात्रों के लिए साइकिल योजना और स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं को 50% आरक्षण
- 2010 के बाद: जीविका मिशन की शुरुआत, महिलाओं के रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण पर फोकस
शराबबंदी से महिलाओं का समर्थन मजबूत
2016 में नीतीश कुमार ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की, जिसका सबसे ज्यादा लाभ महिला वर्ग को मिला। इस फैसले के बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने पुरुषों से 7% ज्यादा मतदान किया।
2025 के चुनाव से पहले फिर मास्टर स्ट्रोक
2025 के चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने वृद्धा और विधवा पेंशन में बढ़ोतरी, महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की सहायता और सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण की घोषणा कर दी। इससे न सिर्फ विपक्ष की “डोमिसाइल” राजनीति बेअसर हो गई, बल्कि महिला मतदाता एक बार फिर एनडीए के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। अब जबकि एग्जिट पोल्स में एनडीए को बहुमत का अनुमान लगाया गया है, तो माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की महिलाओं पर केंद्रित रणनीति एक बार फिर निर्णायक साबित हो सकती है।


