कर्नाटक सरकार ने सोमवार को तत्काल प्रभाव से राज्य के स्कूलों, कॉलेजों, मॉल और मूवी थिएटर जैसे सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य कर दिया। नए साल के जश्न से पहले, राज्य सरकार ने पब, बार और रेस्तरां में मास्क अनिवार्य कर दिया क्योंकि चीन और कुछ अन्य देशों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि देखी गई।
विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा कि नये साल का जश्न देर रात एक बजे तक ही चलना चाहिए। मंत्री ने कहा कि टीकाकरण के संबंध में सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि लोगों को बूस्टर खुराक लेनी चाहिए। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों, अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों से भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की अपील की।
सुधाकर ने कहा, ‘‘बंद जगहों, वातानुकूलित कमरों और जश्न वाली बाहरी जगह जहां भीड़-भाड़ हो, वहां पर मास्क अनिवार्य होगा। जिन स्थानों पर समारोह हो रहे हैं, वहां अनुमति से अधिक लोग नहीं होने चाहिए।” सुधाकर राजस्व मंत्री आर अशोक की अध्यक्षता में एक बैठक में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे, जो राज्य आपदा प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष हैं।
सुधाकर के अनुसार, बेंगलुरु और मंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में से दो प्रतिशत यात्रियों की बिना क्रम के जांच जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में बॉरिंग अस्पताल और मंगलुरु में वेनलॉक अस्पताल को दो पृथकवास केंद्र बनाया गया है जहां जांच में कोविड-19 संक्रमित पाये गए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को रखा जाएगा।
मंत्री ने कहा कि चीन से राज्य लौटे एक यात्री के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। जद (एस) पार्टी के नेता एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली ‘पंचरत्न यात्रा’ के बारे में मंत्री ने कहा कि पैदल मार्च जारी रह सकता है, लेकिन उन्होंने दोहराया कि इसमें हिस्सा लेने वालों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए कोविड से संबंधित उचित व्यवहार का पालन करना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि उपायुक्त, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला निगरानी अधिकारी और विशेषज्ञ समिति के सदस्य राज्य के सभी जिलों में कोविड प्रबंधन की देखरेख करेंगे। सुधाकर के अनुसार, दो साल से अधिक समय पहले कोविड-19 फैलने के बाद से आईसीयू बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन आपूर्ति वाले बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन क्षमता और मेडिकल एवं पैरामेडिकल कर्मियों सहित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और कर्मचारियों की संख्या में काफी वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त होगा।