प्रधानमंत्री मोदी ने त्रासदी का जायजा लेने के लिए केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया । इस मोके पर उनके साथ मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी मौजूद रहे। यह आपदा 30 जुलाई को आई थी, जिसमें 416 लोगों की मौत हो गई है और 150 से अधिक लोग लापता हैं। वायनाड में मोदी अस्पतालों और कुछ राहत शिविरों में मरीजों से मिले, जहां भूस्खलन से प्रभावित 10,700 से अधिक लोग ठहरे हुए हैं। इसके बाद मोदी ने एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की । इस बैठक में आरिफ मोहम्मद खान, विजयन और अन्य अधिकारी मौजूद थे । फिर दोपहर करीब 3.30 बजे कन्नूर हवाई अड्डे लौटे और फिर नई दिल्ली रवाना हो गए।
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पीएम मोदी के दौरे से पहले बचाव और राहत अभियान के लिए एनडीआरएफ, सेना, वायु सेना, नौसेना, अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा आदि के 1,200 से अधिक बचावकर्मियों को वायनाड में तैनात किया गया था। चिकित्सा सहायता और उपचार के लिए डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के साथ 100 से अधिक एम्बुलेंस तैनात की गई हैं।
भारतीय सेना ने वायनाड में 190 फुट लंबा बेली ब्रिज बनाया, जो भारी मशीनरी और एम्बुलेंस की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण है। इस पुल का निर्माण मात्र 71 घंटों में पूरा कर लिया गया, जिससे भारी वाहनों और मशीनरी को बचाव कार्य में काफी मदद मिली और करीब 200 लोगों को बचाया जा सका। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह दल पिछले दो दिनों से वायनाड में है और शनिवार को अपना दौरा पूरा करेगा।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी का वायनाड दौरे के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “व्यक्तिगत रूप से भयानक त्रासदी का जायजा लेने के लिए वायनाड जाने के लिए आपका धन्यवाद, मोदी जी। ये एक अच्छा फैसला है। मुझे विश्वास है कि एक बार जब प्रधानमंत्री प्रत्यक्ष रूप से तबाही की सीमा को देख लेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देंगे।”