एक शाम भारत माता और गौमाता के नाम – भजन संध्या में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

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एक शाम भारत माता और गौमाता के नाम – भजन संध्या में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
एक शाम भारत माता और गौमाता के नाम – भजन संध्या में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

बेंगलुरु : श्री कृष्ण गौशाला, होसूर भंडे परिसर में स्वामी पुखराज महाराज के सानिध्य में शनिवार को “एक शाम भारत माता और गौमाता के नाम” भजन संध्या का भव्य आयोजन हुआ। गौमाता और भारत माता की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसके बाद भक्तिमय माहौल में भजनों की गंगा प्रवाहित हुई।

भजनों पर झूमे श्रद्धालु, गूंज उठी भक्ति की ध्वनि

लोकप्रिय भजन गायक ओम मुडेल ने राजस्थान की मायड़ भाषा में “गोमाता की रक्षा करोला तो हो जावेला बेड़ा पार” जैसे सुमधुर भजनों से माहौल को भक्तिमय बना दिया। जैसे ही भजनों की धुन बजी, श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे और पूरा परिसर “जय श्रीराम” के जयघोष से गूंज उठा।

गौसेवा का संदेश, भक्ति के साथ समाजसेवा का संकल्प

स्वामी पुखराज महाराज ने गौमाता की महत्ता बताते हुए कहा, “गाय बचेगी तो संस्कृति बचेगी।” उन्होंने गौसेवा को आत्मिक शांति और पुण्य अर्जन का सबसे सरल मार्ग बताया। समाजसेवी महेंद्र मुणोत और प्रकाश चौहान ने गौशाला को आर्थिक सहयोग प्रदान किया और सभी से संकल्प लेने का आह्वान किया कि “गौसेवा केवल दान नहीं, यह धर्म है।”

सम्मान समारोह – गोभक्तों और कलाकारों को किया गया सम्मानित

गौसेवा में योगदान देने वाले श्रद्धालुओं को मोमेंटो और दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया गया। भजन संध्या के मुख्य कलाकार ओम मुडेल को भी विशेष रूप से महेंद्र मुणोत और स्वामी पुखराज महाराज द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में राकेश देशरला, सुरेश सैणचा, नौरतमल प्रजापति सहित कई गौभक्तों ने उपस्थिति दर्ज कराई। मंच संचालन मोहन सीरवी ने किया।

भक्ति में डूबी रात, गौमाता की सेवा का संकल्प

देर रात तक श्रद्धालु भजनों पर झूमते रहे, भक्ति की रसधारा में डूबे हुए उन्होंने गौसेवा का संकल्प लिया। भजन संध्या ने न केवल श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति का संचार किया, बल्कि गौसेवा के महत्व को भी उजागर किया।

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