📍 जोधपुर : रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनकी खराब सेहत को देखते हुए उन्हें छह महीने की अंतरिम जमानत प्रदान की है। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय प्रकाश शर्मा और न्यायमूर्ति की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद जारी किया।
बीमारी का हवाला देकर मांगी थी जमानत
फिलहाल आसाराम का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने अपनी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए कोर्ट में नियमित जमानत की अर्जी दी थी। हालांकि अदालत ने स्थायी राहत नहीं दी, बल्कि चिकित्सा कारणों से अंतरिम जमानत को मंजूरी दी ताकि वे अपना उपचार जारी रख सकें।
सुप्रीम कोर्ट से भी मिल चुकी है राहत
जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने भी आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर मार्च के अंत तक अंतरिम जमानत दी थी। उस समय अदालत ने कहा था कि आसाराम की उम्र अधिक है, उन्हें दो बार हार्ट अटैक आ चुका है और वे कई गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं।
2013 से जेल में हैं आसाराम
आसाराम को अगस्त 2013 में एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जोधपुर की अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब 16 वर्षीय पीड़िता ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि जोधपुर स्थित आश्रम में आसाराम ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
गिरफ्तारी और विरोध प्रदर्शन
जोधपुर पुलिस ने आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद देशभर में समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किए। पांच साल की सुनवाई के बाद 2018 में अदालत ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई।
इलाज के लिए कई बार मिली थी सशर्त राहत
आसाराम को पहले भी इलाज के लिए सुप्रीम कोर्ट, राजस्थान हाईकोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। हालांकि हर बार यह राहत सीमित अवधि के लिए रही। उनकी सेहत अक्सर खराब रहती है और वे लंबे समय से नियमित जमानत पाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आवेदन खारिज होते रहे।
छह महीने की राहत के बाद क्या अगला कदम
राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को हुई सुनवाई के बाद आसाराम को छह महीने की अंतरिम जमानत दी। अब वे इस अवधि में अपना इलाज जारी रख सकेंगे। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह राहत केवल चिकित्सकीय कारणों से दी गई है, स्थायी जमानत के लिए आगे की सुनवाई बाद में होगी।



