राम मंदिर पर लहराई धर्म ध्वजा, पीएम मोदी ने किया मंदिरों में दर्शन-पूजन

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अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर फहराया गया धर्म ध्वज
अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर फहराया गया धर्म ध्वज

अयोध्या: 500 वर्षों का इंतजार खत्म हुआ। अयोध्या में ऐतिहासिक क्षण आ गया है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहरा दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पवित्र पल में हाथ जोड़कर भगवान श्रीराम को नमन किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यह ध्वजारोहण अभिजीत मुहूर्त में संपन्न हुआ, जिससे रामनगरी उत्सवमय माहौल में डूब गई।

ध्वज की विशेषता

ध्वज लगभग 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है, जिस पर कोविदार वृक्ष, सूर्यवंश का प्रतीक और ॐ अंकित है। इसे इलेक्ट्रिक सिस्टम से आरोहित किया गया। यह आयोजन मंदिर निर्माण की पूर्णता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक माना जा रहा है। अयोध्या की सड़कों पर धार्मिक नारों की गूंज है। सात सांस्कृतिक मंचों पर लोक कलाकारों ने नृत्य और गायन से माहौल को भव्य बनाया। हजारों श्रद्धालु और साधु-संत इस क्षण के साक्षी बने। सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजामों के बीच यह आयोजन शांतिपूर्ण और भव्य तरीके से संपन्न हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन

धर्म ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि हमारे राम भेद से नहीं भाव से जुड़ते हैं। उनके लिए व्यक्ति का कुल नहीं, उसकी भक्ति महत्वपूर्ण है। उन्हें वंश नहीं, मूल्य प्रिय है। उन्हें शक्ति नहीं, सहयोग महान लगता है। आज हम भी उसी भावना से आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पिछले 11 वर्षों में महिला, दलित, पिछड़े, अति-पिछड़े, आदिवासी, वंचित, किसान, श्रमिक और युवा हर वर्ग को विकास के केंद्र में रखा गया है। उन्होंने कहा कि जब देश का हर व्यक्ति, हर वर्ग, हर क्षेत्र सशक्त होगा, तब संकल्प की सिद्धि में सबका प्रयास लगेगा और सबके प्रयास से ही 2047 में विकसित भारत का निर्माण होगा।

राम के आदर्शों पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें भगवान राम से सीखना चाहिए। हमें उनके चरित्र की गहराई को समझना चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि राम का अर्थ है मर्यादा, राम का अर्थ है जीवन और आचरण का सर्वोच्च आदर्श। राम सर्वोच्च सदाचार के जीवन का प्रतिनिधित्व करते हैं। राम एक ऐसे व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं जो धर्म के मार्ग पर चलते हैं।

सप्त मंदिर और रामलला परिसर पर पीएम मोदी के विचार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राम मंदिर का दिव्य प्रांगण भारत के सामूहिक सामर्थ्य की चेतना स्थली बन रहा है। यहां सप्त मंदिर बने हैं। माता शबरी का मंदिर जनजातीय समाज के प्रेमभाव और आतिथ्य की प्रतिमूर्ति है। निषादराज का मंदिर उस मित्रता का साक्षी है, जो साधन नहीं, साध्य को और उसकी भावना को पूजती है। यहां माता अहिल्या, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य और संत तुलसीदास के मंदिर हैं। रामलला के साथ-साथ इन सभी ऋषियों के दर्शन भी यहीं पर होते हैं। यहां जटायु और गिलहरी की मूर्तियां भी हैं, जो बड़े संकल्पों की सिद्धि के लिए छोटे प्रयासों के महत्व को दर्शाती हैं।

धर्म ध्वज का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि धर्मध्वज प्रेरणा बनेगा कि प्राण जाए पर वचन न जाए। यह कर्मप्रधान विश्व की संदेश वाहक होगी। यह ध्वज बैर न बिग्रह आस न त्रासा की भावना को मजबूत करेगा। यह समाज में शांति और सुख का संदेश देगा। यह धर्मध्वज संकल्प है, सफलता है। यह ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है, सदियों पुराने स्वप्नों का साकार स्वरूप है। यह संतों की साधना और समाज की सहभागिता का परिणति स्वरूप है। सदियों के घाव भर रहे हैं और सदियों की वेदना विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। यह सिर्फ ध्वज नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों के विश्वास और धैर्य की विजय है।

मोहन भागवत का वक्तव्य

मोहन भागवत ने कहा कि इस दिन के लिए कितने राम भक्तों ने अपने प्राण अर्पण किए। यह धर्म ध्वज है और इसका भगवा रंग है। इस पर रघुकुल का प्रतीक कोविदार वृक्ष है। धर्मध्वज को शिखर तक पहुंचाना संकल्प की पुनरावृत्ति है। उन्होंने कहा कि शांति और सुफल देने वाला भारतवर्ष हमें खड़ा करना है। यह मंदिर जैसा सपना देखा गया था, उससे भी अधिक शुभकर बनकर तैयार हुआ है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की आस्था और स्वाभिमान का प्रतीक है। यह ध्वज प्रमाण है कि धर्म का प्रकाश अमर है और रामराज्य के सिद्धांत कालजयी हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में जब पीएम मोदी प्रधानमंत्री बने, तो करोड़ों भारतीयों के हृदय में जो आस्था जगी थी, वह आज इस मंदिर के रूप में प्रकट हो रही है। इस अवसर पर उन्होंने अयोध्या में हुए विकास कार्यों का भी उल्लेख किया।

अयोध्या में भव्य आयोजन और सुरक्षा

अयोध्या में धर्म ध्वज फहराने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह नए युग की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर लहराता केसरिया ध्वज धर्म और राष्ट्रधर्म का प्रतीक है। शहर में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने ‘लाठी-गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’ नारे का भी उल्लेख किया।
अयोध्या में कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी और मोहन भागवत को केसरिया ध्वज का मिनिएचर और रामलला की प्रतिमा भेंट की।

गर्भगृह में पूजा-अर्चना

अयोध्या में ऐतिहासिक ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना की। उनके साथ मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। गर्भगृह की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें रामलला और राजा राम के दरबार की झलक दिखाई दे रही है।

पीएम मोदी का अयोध्या आगमन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर परिसर में पहुंचे और गर्भगृह में दर्शन किए। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में मंदिर के शिखर पर धर्मध्वज फहराया गया। इससे पहले शहर में धार्मिक माहौल चरम पर था और सड़कों पर हजारों लोग जुटे हुए थे।

अभिजीत मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त दोपहर के मध्य 48 मिनट के उस समय को कहा जाता है, जिसे शुभ माना गया है। इसी मुहूर्त में रामलला का जन्म हुआ था, इसलिए इस समय ध्वजारोहण को विशेष महत्व दिया गया है।

रोड शो और स्वागत

अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से पहले शहर में रोड शो हुआ। यह लगभग 1 किलोमीटर लंबा था। 12 स्थानों पर पीएम मोदी का स्वागत किया गया और सात जगह सांस्कृतिक मंचों पर लोक कलाकारों ने प्रस्तुति दी।

रामलला के वस्त्रों पर डिजाइनर का बयान

रामलला के कॉस्ट्यूम डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने कहा कि यह गौरव का क्षण है। उन्होंने बताया कि आज के अवसर के लिए विशेष पोशाक तैयार की गई है। धर्म गुरु पंडित अमित पांडेय ने कहा कि देश का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति को ही धर्मध्वज फहराने का अधिकार है।

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