बेंगलुरु के होटलों में मटन के नाम पर परोसा जा रहा कुत्ते का मांस? FSSAI कर रही जांच

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"बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध मीट जब्त, FSSAI द्वारा जांच जारी"
"बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध मीट जब्त, FSSAI द्वारा जांच जारी"

बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पर मांस की संदिग्ध खेप पकड़ी गई

बेंगलुरु में शुक्रवार शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई जब KSR रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध मांस के कार्टन मिलने की खबर फैली। हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया कि जयपुर से आए इस मांस को मटन बताकर बेचा जा रहा था, लेकिन वास्तव में यह कुत्ते का मांस है।

जयपुर से आया था मीट का बड़ा शिपमेंट

जानकारी के अनुसार, 26 जुलाई की शाम को जयपुर-मैसूर एक्सप्रेस ट्रेन के ज़रिए 150 मीट कार्टन की एक बड़ी खेप बेंगलुरु पहुँची थी। ‘गोरक्षक’ पुनीथ केरहल्ली और उनके सहयोगियों ने आरोप लगाया कि इस मीट पार्सल में कुत्ते का मांस है जिसे शहर के होटलों में सप्लाई किया जाना था।

स्वास्थ्य विभाग और पुलिस ने की कार्रवाई

हंगामे की सूचना मिलते ही BBMP (बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका) के स्वास्थ्य अधिकारी और कॉटनपेट पुलिस स्टेशन की टीम मौके पर पहुँची। अधिकारियों ने मीट के कार्टन जब्त किए और उनमें से सैंपल लेकर जाँच के लिए भेज दिए। मांस की पुष्टि के लिए इसे FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) की लैब में भेजा गया है।

5,000 किलो मीट सप्लाई का शक, 1,500 किलो बताया गया

सूत्रों के अनुसार, आरोप लगाया गया है कि यह कुत्ते का मांस करीब 5,000 किलो है जिसे बेंगलुरु के विभिन्न होटलों में मटन बताकर परोसा जाना था। हालांकि, BBMP अधिकारियों ने इसका वजन 1,500 किलो बताया है। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि यह मीट 600 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा था, जबकि मटन की कीमत बाज़ार में 800 रुपये प्रति किलो है।

मीट का मालिक बोला— यह भेड़ का मांस है, मेरे पास दस्तावेज़ हैं

मीट शिपमेंट मंगाने वाले व्यक्ति की पहचान अब्दुल रजाक के रूप में हुई है। रजाक ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उसके पास इस मीट से जुड़े सभी वैध दस्तावेज़ हैं। उसका दावा है कि जो मांस पकड़ा गया है वह भेड़ का मांस है, न कि कुत्ते का। रजाक ने कहा, “जिसे शक है, वह पूंछ देखकर जानवर की पहचान कर सकता है।”

FSSAI की रिपोर्ट से खुलेगा राज

खाद्य सुरक्षा और मानक विभाग (FSSAI) के आयुक्त ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। अभी नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि मांस किस जानवर का है। विभाग का कहना है कि जांच निष्पक्ष और वैज्ञानिक तरीके से की जा रही है।

स्थानीय भोजनालयों की क्वालिटी पहले भी सवालों में रही

गौरतलब है कि इससे पहले भी BBMP को बेंगलुरु के कई स्थानीय होटलों में परोसे जा रहे मांस की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिली थीं। तब भी FSSAI की मदद से मांस के नमूनों की जांच की गई थी।

हिंदू संगठनों का प्रदर्शन, पुलिस तैनात

इस घटना के सामने आते ही कई हिंदू संगठन मौके पर पहुँच गए और जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। पुलिस को स्टेशन परिसर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है।

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