बीकानेर से बेनीवाल का बिगुल, राजस्थान में RLP तीसरी ताकत बनने को तैयार

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बीकानेर में हनुमान बेनीवाल ने आरएलपी की विशाल रैली को संबोधित किया
बीकानेर में हनुमान बेनीवाल ने आरएलपी की विशाल रैली को संबोधित किया

📍 बीकानेर : राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने बीकानेर में पार्टी के सातवें स्थापना दिवस के मौके पर विशाल रैली कर आगामी विधानसभा चुनाव 2028 की तैयारी का ऐलान किया। ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ के नारे के साथ उन्होंने संकेत दिया कि आरएलपी अब सत्ता में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की रणनीति बना चुकी है।

बेनीवाल का राजनीतिक बिगुल

आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने बुधवार को बीकानेर से अपनी राजनीतिक जमीन को और मजबूत करने का ऐलान किया। यह रैली आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी का सीधा संदेश थी। बेनीवाल ने स्पष्ट कहा कि इस बार आरएलपी सत्ता के दरवाजे पर दस्तक देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

भीड़ ने दिया तीसरी ताकत का संदेश

बीकानेर को अपने राजनीतिक कुरुक्षेत्र में बदलते हुए बेनीवाल ने विशाल भीड़ के जरिए यह संदेश दिया कि आरएलपी अब प्रदेश की तीसरी ताकत बनने को तैयार है। पिछले दो दशकों में कई बार तीसरे मोर्चे की कोशिशें हुईं, लेकिन कोई भी निर्णायक परिणाम नहीं मिला। इस रैली को बेनीवाल की सबसे बड़ी राजनीतिक परीक्षा माना जा रहा है।

किसानों और युवाओं के मुद्दों पर केंद्रित भाषण

मंच पर पहुंचते ही हनुमान बेनीवाल ने भीड़ का अभिवादन करते हुए कहा, “आज आरएलपी का सातवां जन्मदिन है, लेकिन यह जन्मदिन राजस्थान की जनता का भी है। हमने 2018 में ‘बोतल’ से राजनीति शुरू की थी, जो आज लाखों की आवाज बन चुकी है।” उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि अग्निवीर योजना, पेपर लीक घोटाला और किसानों की MSP की मांग को लगातार दबाया जा रहा है।

कांग्रेस और भाजपा पर तीखे हमले

बेनीवाल ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में कांग्रेस और भाजपा ने केवल कुर्सी की राजनीति की है। उन्होंने कहा कि अब आरएलपी जनता के मुद्दों पर निर्णायक राजनीति करने को तैयार है। “राजस्थान की जनता ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को मौका दिया, अब समय है कि जनता खुद की पार्टी को मौका दे।”

‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ का नारा और कार्यकर्ताओं को संदेश

पार्टी के स्थापना दिवस पर बेनीवाल ने ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ का नारा दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आरएलपी अब विपक्ष नहीं बल्कि सत्ता का विकल्प बनेगी। उन्होंने युवाओं, किसानों और बेरोजगारों को पार्टी की असली ताकत बताया और कहा कि यही वर्ग राज्य की राजनीति की नई दिशा तय करेगा।

संगठन विस्तार और रणनीति

बेनीवाल के करीबी सूत्रों ने बताया कि पार्टी अब जिलास्तर पर संगठन को मजबूत करने और जनसंपर्क अभियान शुरू करने जा रही है। उद्देश्य है कि 2028 के विधानसभा चुनाव तक हर जिले में आरएलपी की पकड़ मजबूत हो।

राजनीति में बदलाव की आहट

बीकानेर की यह रैली आरएलपी के लिए मील का पत्थर साबित हुई। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर बेनीवाल ग्रामीण और युवा मतदाताओं का समर्थन जुटाने में सफल रहे, तो राजस्थान की राजनीति में सत्ता समीकरण बदल सकते हैं। राजस्थान की धरती से गूंजा बेनीवाल का नारा अब साफ कह रहा है — बदलाव की हवा चल पड़ी है

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