जयपुर: बीकानेर में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर उठे विवाद के बीच वकीलों ने बड़ा कदम उठाते हुए 12 सितंबर 2025 को जयपुर की सभी जिला अदालतों में कामकाज ठप करने का निर्णय लिया है। डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन, जयपुर ने घोषणा की कि इस दिन अधिवक्ता न्यायिक और राजस्व अधिकारियों के समक्ष होने वाली सभी कार्यवाहियों का बहिष्कार करेंगे।
कानून मंत्री के बयान से विवाद
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के हालिया बयान के बाद वकीलों में आक्रोश फैल गया। मंत्री ने संकेत दिया था कि सीजेआई बीआर गवई सितंबर में बीकानेर आ सकते हैं और तब इस विषय में प्रगति की घोषणा हो सकती है। इस बयान को वकीलों ने “भ्रम फैलाने वाला” बताते हुए इसकी निंदा की और इसे न्यायिक व्यवस्था और अधिवक्ता समाज की भावनाओं को आहत करने वाला कहा।
वकीलों का सामूहिक बहिष्कार
बार एसोसिएशन अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत और महासचिव नरेंद्र सिंह राजावत ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि यह मुद्दा अब निर्णायक चरण में है। इसलिए 12 सितंबर को सांकेतिक विरोध के रूप में जयपुर की सभी अदालतों में वकील कामकाज से विरत रहेंगे। उन्होंने सभी अधिवक्ताओं से सामूहिक बहिष्कार में शामिल होने का आह्वान किया।

अदालतों में तीन दिन कामकाज ठप
शुक्रवार को बहिष्कार के बाद शनिवार को दूसरा शनिवार और रविवार की छुट्टी होने के कारण अदालतों का कामकाज तीन दिन तक बंद रहेगा। नियमित न्यायिक कार्य सोमवार से शुरू होगा।
पुराना विवाद फिर उठा
राजस्थान में हाईकोर्ट की नई बेंच को लेकर विवाद पहले भी उठ चुका है। वकीलों के विरोध के कारण कई बार इस तरह के प्रयास वापस लिए गए। बीकानेर लोकसभा से सांसद होने के कारण यह माना जा रहा है कि अर्जुनराम मेघवाल अपने क्षेत्र में बेंच स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे लेकर जयपुर और जोधपुर के वकील विरोध कर रहे हैं।