नई दिल्ली। भारत के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव में सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले। इसी के साथ वे देश के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं। 67 वर्षीय राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर कार्यरत थे और अब वे उपराष्ट्रपति का पद संभालेंगे।
17 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़े
सीपी राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में हुआ। 17 साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े। इसके बाद उन्होंने भाजपा में सक्रिय राजनीति की शुरुआत की। उनका राजनीतिक करियर 1998 में शुरू हुआ, जब वे कोयंबटूर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए।
दो बार लगातार रहे सांसद
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान वे 1998 और 1999 के आम चुनावों में लगातार दो बार सांसद बने। 1998 की जीत खास थी क्योंकि यह कोयंबटूर बम विस्फोटों के बाद हुई थी, जब भाजपा ने तमिलनाडु में पहली बार तीन सीटें जीतीं। 2004 से 2007 तक उन्होंने तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी रहे
2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में वे कोयंबटूर से भाजपा उम्मीदवार रहे। 2014 में उन्होंने 3.89 लाख से अधिक वोट हासिल कर दूसरा स्थान प्राप्त किया। 2016 से 2020 तक उन्होंने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कोयर बोर्ड के चेयरमैन के रूप में कार्य किया। इसके अलावा वे भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी रहे।
झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे
साल 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया। फरवरी 2024 में वे महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल बने। अपने कार्यकाल में उन्होंने राज्य सरकार के साथ सहयोगपूर्ण रवैया अपनाया और विपक्षी दलों के साथ भी अच्छे संबंध बनाए