क्या है नौतपा?
ज्येष्ठ माह के वे बेहद तप्त और उष्ण 9 दिन जब गर्मी अपने चरम पर होती है, उन्हें नौतपा या नवतपा कहा जाता है। इस वर्ष यह नौतपा 25 मई 2025 से शुरू होकर 3 जून 2025 तक रहेगा। इस अत्यंत तीव्र गर्मी के काल में सूर्य देवता रोहिणी नक्षत्र में स्थित होते हैं, जिससे उनकी प्रखर और तीखी किरणें सीधी पृथ्वी पर पड़ती हैं, जिससे तापमान में असाधारण वृद्धि हो जाती है।
शास्त्रों, पुरानी परंपराओं और लोक मान्यताओं के अनुसार, इस समय कुछ कार्यों से परहेज करना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से आवश्यक है, बल्कि स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख-शांति के लिए भी अत्यंत लाभकारी होता है।
नौतपा के 9 दिनों में न करें ये 9 काम
1. भारी तेल-मसाले वाला भोजन न करें
इन दिनों अत्यधिक तेल-मसाले, तीखे और तले-भुने खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए। इससे पेट में गर्मी, अपच और अन्य पाचन संबंधी परेशानियां तेजी से उत्पन्न हो सकती हैं।
2. बैंगन का सेवन न करें
आयुर्वेद के अनुसार, बैंगन इस समय शरीर में उष्णता को बेहद अधिक बढ़ाता है। इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है, विशेषकर पेट व त्वचा से जुड़ी समस्याओं में।
3. मांसाहार से परहेज करें
नौतपा शुद्धता और शारीरिक संतुलन बनाए रखने का समय माना जाता है। इसलिए इन 9 दिनों में मांसाहार से पूरी तरह दूरी बनाना स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है।
4. शुभ संस्कार स्थगित रखें
शास्त्रों के अनुसार, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य इस समय नहीं करने चाहिए। यह काल धार्मिक रूप से शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना गया है।
5. लंबी दूरी की यात्रा से बचें
तेज गर्मी और संभावित आंधी-तूफानों के कारण लंबी यात्राएं इस समय असुविधाजनक, असुरक्षित और थका देने वाली हो सकती हैं।
6. बच्चों को दोपहर में बाहर न निकालें
तेज, झुलसाती धूप बच्चों की सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। उन्हें दोपहर के समय घर के भीतर ही रखें और उन्हें भरपूर पानी पिलाएं।
7. दोपहर में भारी मेहनत वाला काम न करें
शरीर को अत्यधिक थकान और डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए, दोपहर के समय बहुत मेहनत वाले कार्यों से यथासंभव दूरी बनाएं।
8. जरूरतमंद को खाली हाथ न लौटाएं
अगर कोई असहाय या ज़रूरतमंद व्यक्ति इस दौरान कुछ मांगने आए, तो उसे विनम्रता से खाली हाथ न लौटाएं। अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ न कुछ अवश्य दें।
9. सूर्य से जुड़ी चीजों का अनादर न करें
गेहूं, गुड़, तांबा, लाल वस्त्र, घी, केसर, माणिक्य आदि सूर्य से संबंधित वस्तुएं मानी जाती हैं। इनका सम्मान करें और संभव हो तो दान करें, ताकि सूर्य देव की कृपा आप पर बनी रहे।