राणावास (पाली), 1 फरवरी 2025 – राजस्थान के पाली जिले के राणावास गांव में शनिवार को श्री आईमाता जी बडेर की तृतीय वर्षगांठ धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस पावन अवसर पर श्री आईमाता जी की भैल और धर्मगुरु दीवान साहब का आगमन हुआ, जिनका गांववासियों और सिरवी समाज ने भव्य स्वागत किया।
समारोह में गांव के मुख्य कोटवाल, जमादारी एवं पंचों की सहमति से पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार भव्य बधावा किया गया। पूरे गांव में उल्लास और भक्ति का माहौल देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने आईमाता जी के जयकारों के साथ भक्ति संगीत, कीर्तन और महाप्रसादी का आयोजन किया।
सिरवी समाज के समर्पण का प्रतीक
राणावास गांव में सिरवी समाज के लोगों ने सामूहिक रूप से इस आयोजन को विशेष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्रद्धालुओं ने आईमाता जी की महिमा का गुणगान किया और समाज की उन्नति व सुख-शांति की कामना की।
समारोह के दौरान धर्मगुरु दीवान साहब ने आईमाता जी की कृपा और समाज में उनके आध्यात्मिक योगदान पर प्रेरणादायक प्रवचन दिए। उन्होंने समाज को संस्कार, एकता, और सेवा भाव के महत्व से अवगत कराया और सभी को धार्मिक आस्था में अडिग रहने का संदेश दिया।
शुभ अवसर पर उमड़ा जनसैलाब
इस भव्य आयोजन में दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचे और आईमाता जी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। संध्या समय बधावा एवं विशेष आरती के बाद महाप्रसाद का आयोजन हुआ, जिसमें सभी भक्तों ने प्रेमपूर्वक भाग लिया।
राणावास गांव में आयोजित इस पावन उत्सव ने समस्त सिरवी समाज में भक्ति और समर्पण की अलख जगा दी और यह आयोजन आने वाले वर्षों में भी इसी भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाने का संकल्प लिया गया।