JNVU जोधपुर में परीक्षा के दौरान ABVP मंत्री पूनम भाटी नकल करते पकड़ी गईं

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JNVU जोधपुर परीक्षा हॉल में ABVP मंत्री पूनम भाटी नकल करते पकड़ी गईं
JNVU जोधपुर परीक्षा हॉल में ABVP मंत्री पूनम भाटी नकल करते पकड़ी गईं

जोधपुर: जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (JNVU) में एक बड़ा मामला सामने आया है। मास्टर ऑफ आर्ट्स (M.A.) हिंदी सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की जोधपुर प्रांत मंत्री पूनम भाटी को नकल करते हुए पकड़ा गया। यह घटना आज दोपहर की परीक्षा में हुई, जिससे पूरे विश्वविद्यालय परिसर में हड़कंप मच गया।

परीक्षा में मोबाइल से नकल करते पकड़ी गईं

जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय में दोपहर 7 बजे से 10 बजे तक एम.ए. हिंदी सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा हो रही थी। इस दौरान परीक्षा हॉल में ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ ने पूनम भाटी को मोबाइल फोन से नकल करते हुए पकड़ लिया। तुरंत मामले की सूचना डिप्टी सुप्रीडेंट राजश्री राणावत को दी गई। जांच के दौरान भाटी के पास मोबाइल फोन मिला। इसके बाद परीक्षा में नकल का प्रकरण दर्ज किया गया और उनकी कॉपी बदल दी गई।

घटना के बाद एबीवीपी पदाधिकारियों की ओर से मामले को दबाने के प्रयास शुरू हुए। विश्वविद्यालय प्रशासन पर भी मामले को छिपाने का आरोप लगा है।

विश्वविद्यालय प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप

सूत्रों का कहना है कि प्रशासन घटना से संबंधित जानकारी सार्वजनिक नहीं करना चाहता। न्यू कैंपस केंद्र की इंचार्ज डॉक्टर सुशीला शक्तावत से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया और न ही कोई जवाब दिया। पूनम भाटी से भी पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

गणतंत्र दिवस परेड में किया था प्रतिनिधित्व

पूनम कंवर भाटी जैसलमेर जिले के झिनझिनयाली गाँव की निवासी हैं। उन्होंने वर्ष 2024 में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के माध्यम से 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया था। राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली छात्रा का इस तरह नकल करते पकड़ा जाना शैक्षणिक ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

एनएसयूआई ने की पद से हटाने की मांग

एनएसयूआई ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। संगठन के जिला अध्यक्ष बबलू सोलंकी ने पूनम भाटी को उनके पद से तत्काल हटाने की मांग की। एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता पारस गुर्जर ने भी यही मांग दोहराई। उनका कहना है कि छात्र राजनीति से जुड़े पदाधिकारी को इस तरह की हरकत के बाद पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। यह मामला विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता और छात्र संगठनों की छवि पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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