जोधपुर। डोली अराबा क्षेत्र के ग्रामीणों की ज़िंदगी सालों से जहरीले पानी की त्रासदी झेल रही है। जोधपुर की फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकलयुक्त अपशिष्ट जल जोजरी नदी में मिलकर इन गांवों तक पहुंच रहा है। यह समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन समाधान के नाम पर आज तक केवल आश्वासन ही मिले हैं।
गांव के लोगों के अनुसार न तो अब शुद्ध पेयजल बचा है, न ही खेती लायक ज़मीन। कई बार आंदोलन, धरने, नेताओं के दौरे और मंचों से वादों के बावजूद आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। ग्रामीणों का कहना है कि वे सालों से एक नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं और अब उनका सब्र टूट चुका है।

हाईवे जाम, अर्थी रखकर किया प्रदर्शन
मंगलवार को जोजरी नदी के जहरीले पानी से त्रस्त ग्रामीणों ने डोली अराबा क्षेत्र में हाईवे जाम कर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि जहरीले पानी के कारण एक युवक की मौत हो गई है। हालात इतने भयावह हैं कि श्मशान घाट तक में जहरीला पानी भर चुका है।
प्रदर्शनकारियों ने युवक की अर्थी हाईवे पर रख दी और तत्काल समाधान की मांग की। ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार से सवाल पूछा कि आखिर कब तक वे इस ज़हरीली धारा में जीने को मजबूर रहेंगे।
वर्षों पुरानी समस्या, लेकिन अब भी उपेक्षा
यह मामला सिर्फ़ पर्यावरणीय नहीं बल्कि मानवीय संकट का प्रतीक बन चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल प्रदूषण का नहीं बल्कि अस्तित्व का प्रश्न है। अब सवाल यह है — क्या सरकार इस पीड़ा को समझेगी या एक और आंदोलन, एक और मौत के बाद भी चुप्पी साधे रहेगी?