कर्नाटक सरकार ने कहा कि आरएसएस पथ संचलनों से कहीं भी कानून-व्यवस्था प्रभावित नहीं हुई

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कर्नाटक में आरएसएस पथ संचलन की फाइल फोटो
कर्नाटक में आरएसएस पथ संचलन की फाइल फोटो

बेलगाम : कर्नाटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों और पथ संचलनों को अनुमति देने पर कांग्रेस नेताओं, विशेषकर मंत्री प्रियांक खरगे की आपत्तियों के बाद राज्य सरकार ने विधानसभा में विस्तृत स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया है। सरकार ने कहा कि इस वर्ष राज्य में निकाले गए 518 पथ संचलनों में से किसी भी कार्यक्रम से कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा।

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा विधायक वी. सुनील कुमार की ओर से पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्य के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने बताया कि इन पथ संचलनों में दो लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया, लेकिन इन आयोजनों के दौरान न तो तनाव बढ़ा और न ही किसी प्रकार की सांप्रदायिक अथवा सार्वजनिक अराजकता की स्थिति बनी।

चित्तपुर में अनुमति इनकार पर सरकार की सफाई

चित्तपुर में आरएसएस के पथ संचलन की अनुमति देने से इनकार करते हुए कलबुर्गी जिला प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला दिया था। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया कि किसी भी जिले में आरएसएस कार्यक्रमों के कारण कोई कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं हुई।

कलबुर्गी और अन्य जिलों के आंकड़े

कलबुर्गी, जो मंत्री प्रियांक खरगे का गृह जिला है, में इस वर्ष 51 पथ संचलन निकाले गए, जिनमें 6-7 हजार स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
राज्य सरकार के अनुसार, जिलावार पथ संचलनों की संख्या इस प्रकार रही:
बेंगलुरु शहर में 97, उत्तर कन्नड़ में 45, बीडर में 41, बागलकोट में 33, शिवमोग्गा में 19, विजयपुरा में 18, बेलगाम में 17, तुमकुर, चित्रदुर्ग और चिक्कमगलुरु में 11-11, जबकि दक्षिण कन्नड़, उडुपी और रायचूर में 10-10।
कहीं भी किसी प्रकार का तनाव नहीं बढ़ा।

बड़े पैमाने पर कार्यक्रम, फिर भी कोई अशांति नहीं

सरकार ने सदन में दोहराया कि इतने बड़े पैमाने पर आयोजित कार्यक्रमों के बावजूद राज्य में कहीं भी किसी प्रकार की अशांति या सांप्रदायिक तनाव की सूचना नहीं मिली।

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