नागपुर: भोपाल के 90 डिग्री मोड़ वाले फ्लाईओवर के बाद अब नागपुर का एक फ्लाईओवर सोशल मीडिया पर चर्चा में है। यह फ्लाईओवर अशोक चौक के पास स्थित है और इसकी खासियत यह है कि यह एक घर की बालकनी के हिस्से से होकर गुजर रहा है। दिघोरी से इंदौरा जाने वाला यह फ्लाईओवर लोगों के बीच तेजी से वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर उठे सवाल
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस फ्लाईओवर को दुनिया का “आठवां अजूबा” बता रहे हैं। वहीं, कई लोग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और नागपुर नगर निगम पर सवाल उठा रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि जब फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा था, तब मकान मालिक को मुआवजा देकर घर को अधिग्रहित क्यों नहीं किया गया। अगर मकान अवैध था तो इसे गिराया क्यों नहीं गया।
कई यूजर्स ने व्यंग्य करते हुए पूछा कि आखिर वह “महान इंजीनियर” कौन है, जिसने ऐसा डिजाइन तैयार किया।
मकान मालिक की प्रतिक्रिया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घर प्रवीण पत्रे का है। उनका परिवार लगभग 150 साल से यहां रह रहा है। प्रवीण पत्रे ने कहा कि उन्हें फ्लाईओवर के बालकनी से होकर गुजरने पर कोई आपत्ति नहीं है और वे सुरक्षा को लेकर भी चिंतित नहीं हैं। हालांकि, घर और बालकनी की वैधता को लेकर उन्होंने सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया।

अधिकारियों और नेताओं की प्रतिक्रिया
998 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह 9.2 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर एनएचएआई की देखरेख में तैयार हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की जानकारी पहले ही नगर निगम को दे दी गई थी, लेकिन कार्रवाई करना उनकी जिम्मेदारी थी।
दक्षिण नागपुर के विधायक मोहन मते ने भी इस पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में शामिल अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए। मोहन मते का कहना है कि ऐसी खामियां नागपुर की साख को नुकसान पहुंचाती हैं और समय रहते इस पर कार्रवाई होनी चाहिए थी।