
ब्रह्मधामतीर्थ आसोतरा में रविवार को श्री खेतेश्वर नेत्र चिकित्सा शिविर प्रेम सभा का आयोजन हुआ। इसमें बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सच्चे मन से प्रेम कर ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। यह बात श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा के गादीपति संत तुलसारामजी ने कही। वे राजपुरोहित विकास न्यास और श्री खेतेश्वर तीर्थधाम में श्रीब्रह्मा जी का मंदिर आसोतरा के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को आयोजित प्रेमसभा में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि माता-पिता , गुरु का जीवन में कभी उपकार नहीं भूलें। उनके प्रयासों से ही जीवन का निर्माण होता है।
इस मौके भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष महंत परशुराम गिरिजी व वेदांताचार्य डॉ. ध्यानारामजी ने भी संबोधित किया। न्यास महामंत्री बाबूलाल कालूडी ने बताया कि तीर्थ विकास के लिए बैकुंठ धाम के सामने 156 कक्षा-कक्ष का विश्राम गृह निर्माण, पुरानी धर्मशाला का नवीनीकरण किया जा रहा है। न्यास कोषाध्यक्ष रामसिंह बोथिया ने बताया कि न्यास की ओर से तीर्थ पर आयोजित दो दिवसीय निशुल्क नेत्र जांच व ऑपरेशन शिविर में 1100 रोगियों की जांच की गई। ट्रस्ट की ओर से 83 जनों के ऑपरेशन किए गए।

हजारों पौष्टिक लड्डू वितरित
तीर्थ गादीपति तुलसारामजी महाराज ने सभी श्रद्धालुओं को मेथी के बनाए गए 38 हजार से अधिक लड्डू वितरित किए।
38000 हजार मेथी के लड्डू की प्रसाद वितरित
महामंत्री बाबूसिंह कालूड़ी ने बताया कि श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा में गुरु महाराज की प्रेम सभा 29 वर्षों से चली आ रही है। सबसे पहले सभा में 500 मेथी के लड्डू बनते थे। वहीं इस वर्ष 38 हजार मेथी के लड्डू की प्रसाद बनाकर श्रद्धालुओं में वितरित की गई। आमजन प्रेम व भाईचारे के साथ रहे, इसके चलते ही गुरु महाराज ने सभा का नाम प्रेम दिया है
ये थे मौजूद
प्रेम सभा में ब्रह्मचारी विष्णुस्वरूपजी सरत, लेटा महंत रणछोड़ भारतीजी, महंत बालकदासजी, बाबूगिरीजी पूनासर, पारसाराम भलखाड़ी, पूर्व मंत्री अमराराम चौधरी, पूर्व विधायक मदन प्रजापत, सिवाना प्रधान मुकनसिंह राजपुरोहित, पालड़ी प्रधान हरचंद राजपुरोहित, भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गोविंदसिह राजपुरोहित कालूड़ी, रालोपा नेता थानसिंह डोली, राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुरेंद्रसिंह राजपुरोहित, कांग्रेस नेता महावीरसिंह सुकरलाई सहित प्रबुद्धजन व हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।