राबड़ी आवास के बाहर सियासी हंगामा
📍 पटना/बिहार : बिहार की राजधानी पटना में शनिवार की सुबह राबड़ी देवी के सरकारी आवास के बाहर सियासी हंगामा मच गया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मदन शाह ने आरोप लगाया कि पार्टी में टिकट के बदले 2.7 करोड़ रुपये की मांग की गई। टिकट न मिलने पर उन्होंने आवास के बाहर अपना कुर्ता फाड़ लिया और जोर-जोर से रोने लगे। घटना की जानकारी मिलते ही भीड़ जुट गई और मामला तेजी से सुर्खियों में आ गया।
टिकट बंटवारे में मचा घमासान
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, टिकट बंटवारे को लेकर राजद में अंदरूनी खींचतान साफ दिखाई देने लगी है। जहां एनडीए की तरफ से सीट शेयरिंग तय हो चुकी है, वहीं महागठबंधन के घटक दलों में मतभेद जारी हैं। इस सियासी उथल-पुथल के बीच मदन शाह का विरोध पार्टी की अंदरूनी स्थिति पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। कार्यकर्ताओं के बीच टिकट वितरण में पैसों की भूमिका को लेकर चर्चा तेज है।
संजय यादव पर मदन शाह का सीधा आरोप
मदन शाह ने पार्टी नेता संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “मुझसे 2.7 करोड़ रुपये की मांग की गई, और जब मैंने देने से इनकार किया तो टिकट किसी और को दे दिया गया।” मदन शाह ने दावा किया कि वह मधुबन विधानसभा से टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन पैसे की डील नहीं होने पर उन्हें दरकिनार कर दिया गया। उनका यह बयान पार्टी में हड़कंप मचा गया। अभी तक राजद की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
2020 में झेला था हार का दर्द
मदन शाह ने बताया कि लालू प्रसाद यादव ने उन्हें 2025 के चुनाव में टिकट देने का भरोसा दिलाया था। उन्होंने 2020 में राजद के सिंबल पर चुनाव लड़ा था और मात्र दो हजार वोटों से हार का सामना किया था। पार्टी से वर्षों की निष्ठा के बावजूद जब इस बार टिकट नहीं मिला, तो उनका आक्रोश फूट पड़ा। राबड़ी आवास के बाहर उनका भावनात्मक प्रदर्शन इस बात की गवाही देता है कि बिहार की राजनीति में टिकट अब योग्यता से ज़्यादा धनबल से तय होते दिख रहे हैं।
टिकट विवाद से उठे सियासी सवाल
इस घटना के बाद आम जनता और कार्यकर्ताओं के बीच यह सवाल उठने लगा है कि क्या टिकटों की खरीद-फरोख्त हो रही है। पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। कई यूज़र्स लिख रहे हैं कि “गरीबों की पार्टी” कहे जाने वाली राजद अब धनबल की राजनीति में उलझ गई है। अब सबकी निगाहें पार्टी आलाकमान पर हैं कि वह इस विवाद पर क्या कदम उठाता है।
