📍 राजस्थान : सीकर, भरतपुर, बांसवाड़ा और जयपुर समेत कई जिलों में दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौतों ने स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर किया है। अब तक कम से कम 2 मासूमों की जान जा चुकी है और कई की हालत बिगड़ी हुई है। सिरप पीने के बाद उल्टी, दस्त, सांस लेने में तकलीफ और किडनी फेलियर जैसे लक्षण सामने आए। अभिभावकों का कहना है कि यह दवा सरकारी डॉक्टरों की सलाह पर दी गई थी।
जांच और कार्रवाई की कवायद
घटनाओं के बाद राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने सिरप के 19 बैचों पर रोक लगा दी। ड्रग कंट्रोलर ने उपयोग और वितरण पर तुरंत प्रतिबंध लगाया। स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों व डॉक्टरों को सतर्क रहने की सलाह दी है। तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई है, जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मामले की निगरानी शुरू कर दी है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि जिन बच्चों की हालत बिगड़ी या जिनकी मौत हुई, उनकी माताओं ने दवा कहीं से खरीदकर या लाकर दी थी। यह हमारे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की सलाह पर नहीं दी गई। मंत्री ने आगे कहा कि जांच चल रही है और जयपुर लौटते ही और गहन जांच करवाएंगे।
विपक्ष और अभिभावकों का आक्रोश
विपक्ष का कहना है कि निशुल्क दवा योजना के तहत वितरित सिरप पर प्रतिबंध के बावजूद यह बाजार में कैसे पहुंचा, इसकी कोई स्पष्टता नहीं। आरएमएससीएल ने सिरप के बैचों पर रोक लगाई, लेकिन सरकारी केंद्रों पर स्टॉक की जांच में लापरवाही के आरोप लगे हैं। सीकर की एक प्रभावित मां ने कहा कि हम गरीब हैं, डॉक्टर ने ही सिरप दिया। अब जिम्मेदारी हमारी? क्या हमारी मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है?
हनुमान बेनीवाल ने उठाए गंभीर सवाल
नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि मंत्री खींवसर को खुद यह मालूम नहीं कि विभाग में क्या चल रहा है। बेनीवाल ने गुर्दे की चोरी के पुराने मामले का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि कुछ डॉक्टरों को निलंबित किया गया, लेकिन बाद में उन्हें वापस पोस्टिंग दे दी गई। छह माह पहले जिस कंपनी को पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था, वही कंपनी दूसरा लेबल चिपकाकर बाजार में बेच रही है।
सांसद बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री से अपील की कि ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने तंज कसा कि आपके बड़े-बड़े रोजगार हैं, इसलिए आप भूल जाते हैं। आप राजा हो तो राजा-महाराजाओं को राजनीति नहीं करनी चाहिए, घर बैठना चाहिए