राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के दावे पर पलटवार किया है। सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा-कांग्रेस नेता राजेश पायलट भारतीय वायुसेना के वीर पायलट थे। उनका अपमान करके भाजपा भारतीय वायुसेना के बलिदान का अपमान कर रही है। इसकी पूरे देश को निंदा करनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि बीजेपी नेता अमित मालवीय ने दावा किया राजेश पायलट ने आइजॉल पर बम गिराए थे। सचिन पायलट के जोरदार खंडन करने के एक दिन बाद सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी पर पलटवार किया है। सीएम गहलोत ने कहा कि राजेश पायलट वीर पायलट थे। ऐसे में बीजेपी भारतीय वायुसेना का अपमान कर रही है। अमित मालवीय का दावा है कि राजेश पायलट ने आइजॉल पर बम गिराए थे। इसके जवाब में सचिन पायलट ने कहा कि अक्टूबर 1966 में एयरफोर्स ऑफिसर बने, मार्च 1966 में बमबारी कैसे करते?
अमित मालवीय का दावा
BJP IT सेल के चीफ अमित मालवीय ने आइजॉल पर 5 मार्च 1966 को की गई बमबारी में सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट और कांग्रेस नेता सुरेश कलमाड़ी के शामिल होने का दावा किया था। सचिन पायलट ने अमित मालवीय पर पलटवार करते हुए उनके दावे को पूरी तरह झूठा करार दिया। अमित मालवीय ने आइजॉल ऑपरेशन का जिक्र करते हुए लिखा- राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को आइजॉल पर बम गिराए। बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। साफ है कि नॉर्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया।
सचिन ने दावे को खारिज किया
अमित मालवीय के इस ट्वीट पर सचिन पायलट ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया। सचिन ने लिखा- एयरफोर्स पायलट के तौर पर मेरे स्वर्गीय पिता ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में पूर्वी पाकिस्तान में बमबारी की थी। 1966 में मिजोरम में नहीं। स्व. राजेश पायलटजी 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायुसेना में कमीशन हुए थे। यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिजोरम में बमबारी की थी। काल्पनिक है। तथ्यहीन है और पूर्णत: भ्रामक है। हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थायी शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी।