कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में 33 फुट के हनुमान मोनोलिथ के साथ राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों का अनावरण किया, जो कि अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के साथ मेल खाता है, जिसे केंद्रीय सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा बहुत प्रचारित और मनाया जाता है।
सीएम ने आज दोपहर 12 बजे बेंगलुरु के हिरंदाहल्ली में मूर्तियों का उद्घाटन किया, लगभग उसी समय जब अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन हुआ। प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा, “यहां उद्घाटन राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं है। हालाँकि मैं अयोध्या मंदिर का दौरा करूँगा, लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि भगवान राम हर जगह मौजूद हैं। मैं अयोध्या मंदिर नहीं गया क्योंकि इसका राजनीतिकरण हो गया है, राम सिर्फ बीजेपी के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए भगवान हैं।’ विपक्षी दल द्वारा हम पर राम के खिलाफ होने का आरोप लगाना गलत है।

देश में भाजपा शासित राज्यों में घोषित छुट्टियों के विपरीत, राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने भी उद्घाटन के दिन छुट्टी घोषित करने से परहेज किया था। राज्य भाजपा और जद(एस) पार्टियों के दबाव के बावजूद भी सिद्धारमैया ने ऐसा करने से परहेज किया था। पार्टी का बचाव करते हुए, राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है कि पार्टी “अपनी भक्ति, सम्मान और धर्म को प्रचारित करने” में विश्वास नहीं करती है, यहां तक कि पार्टी के मंत्री पूजा-पाठ में भी व्यस्त रहते हैं। “सिद्धारमैया के नाम में राम है, मेरे नाम में शिव है। किसी को हमें कुछ भी नहीं सिखाना है या हम पर दबाव नहीं डालना है। हम अपना कर्तव्य निभाएंगे,” उन्होंने कहा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज राजधानी बेंगलुरु के महादेवपुरा इलाके में एक राम मंदिर का उद्घाटन किया| सिद्धारमैया ने इस मंदिर का उद्घाटन उसी दिन किया, जिस दिन अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई है| इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 33 फुट ऊंची अंजनेय स्वामी की मूर्ति का भी अनावरण किया| आइए आपको बताते हैं मंदिर के उद्घाटन के बाद सिद्धारमैया ने ऐसा क्या कह दिया जिसकी अब चर्चा हो रही है|

पहले जानिए सिद्धारमैया ने क्या कहा
सीएम सिद्धारमैया ने यह कहते हुए बीजेपी पर तंज कसा कि, ‘हम कांग्रेस वाले गांधी के राम की पूजा करते हैं, भाजपा के राम की नहीं| उन्होंने आगे कहा, ‘भगवान राम सबके हैं और यह दुखद है कि एक विशेष पार्टी इस देश में हिंदू धर्म का श्रेय ले रही है| मैंने अपने जीवन में कभी भी धर्म को राजनीति में नहीं लाया और मैं एक ऐसी पार्टी में काम कर रहा हूं जो धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती है| जब भी भगवान और धर्म की बात आती है तो वो किसी भी राजनीति में शामिल नहीं होते हैं|
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धमैय्या ने सोमवार (22 जनवरी) को रामलला की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या के राम मंदिर में सिर्फ भगवान राम की मूर्ति स्थापित कर लक्ष्मण, सीता और अंजनी से अलग किया गया।
सीएम सिद्धारमैया ने कहा, ”लक्ष्मण, सीता और अंजनी के बिना राम पूरे नहीं हो सकते।” बीजेपी राम को अलग कर रही हैं. यह सही नहीं है.” सीएम ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी भगवान राम की पूजा नहीं करती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस महात्मा गांधी के भगवान राम की पूजा करती है।
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लक्ष्मण, सीता और हनुमान के बिना राम पूरे नहीं हो सकते, सिद्धारामैया का भाजपा पर निशाना
इसके पहले इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस के नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारामैया ने भी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया| सिद्धारामैया ने सोमवार को बेंगलुरु में कहा कि भाजपा ने अयोध्या स्थित राम मंदिर में केवल भगवान राम की मूर्ति स्थापित कर उन्हें लक्ष्मण, सीता और आंजनेय (हनुमान) से अलग कर दिया| सिद्धारमैया ने अयोध्या में सिर्फ भगवान राम की मूर्ति स्थापित किए जाने पर सवाल करते हुए कहा, ‘‘लक्ष्मण, सीता और आंजनेय के बिना राम पूरे नहीं हो सकते| भाजपा राम को अलग कर रही है| यह सही नहीं है|
सीएम ममता बनर्जी ने कहा- ‘सीता के बिना राम अधूरे हैं, क्या महिला विरोधी है भाजपा?
सिद्धारमैया के बयान कि लक्ष्मण, सीता, हनुमान के बिना राम अधूरे हैं और भाजपा ने उन्हें अपनों से अलग कर दिया के बाद ममता बनर्जी ने भी यही पॉलिटिकल लाइन ली है| हालांकि, उन्होंने लक्ष्मण और हनुमान को छोड़कर सिर्फ माता सीता पर ही फोकस किया| ममता बनर्जी भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा, ”आप लोग कभी सीता की बात नहीं करते| सीता के बिना राम अधूरे हैं| आप केवल भगवान राम की बात करते हैं, सीता की नहीं| क्या आप महिला विरोधी हैं?” आइए, जानने की कोशिश करते हैं कि भाजपा पर ममता बनर्जी के इस सियासी हमले के क्या मायने हैं?
