कानपुर देहात में मां-बेटी की जलकर हुई मौत के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच भी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका आदेश दिया है। बुधवार को सीएम योगी ने घटना को दुखद करार देते हुए कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच कर ही रही है। इसके साथ ही मजिस्ट्रेटी जांच के भी आदेश दिए गए हैं। इससे पहले डिप्टी सीएम ने भी पीड़ित परिवार से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में कहा था कि दोषियों की जांच कराकर किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
सीएम योगी ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि कानपुर की घटना दु:खद है। इसके लिए एसआईटी काम कर रही है। हमने मजेस्ट्रियल जांच के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने एक निजी टीवी चैनल के वीडियो क्लिप भी ट्वीट के साथ संलग्न किया है।
इस वीडियो क्लिप में कानपुर में हुए हादसे पर सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि घटना दुखद है। उसके लिए हमारी एक एसआईटी काम कर रही है। हमने मजेस्ट्रियल जांच के भी आदेश दिए हैं। पूरी रिपोर्ट का हमें इंतजार करना चाहिए। यह एक संवेदनशील मामला हैं, इस मामले में जो दूध का दूध पानी का पानी होगा, सबके सामने आ जायेगा।
क्या है मामला
रूरा थानाबक्षेत्र के मड़ौली गांव में सोमवार को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद की मौजूदगी में पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ गांव के कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी के पास लगे सरकारी नल मंदिर तोड़ने के साथ ही उसकी झोपड़ी को जेसीबी से ढहा दिया गया था। इसमें ढहाए गए छप्पर में लगी आग से वहां मौजूद कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला दीक्षित (44) व उनकी पुत्री नेहा (21) की आग से जलकर मौत हो गई थी। कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए थे।
घटना से वहां अफरातफरी मच गई। एसडीएम व पुलिस और राजस्वकर्मीे भाग निकले थे। अफसरों की छानबीन के बाद देर रात कृष्ण गोपाल दीक्षित के बेटे शिवम की तहरीर पर एसडीएम मैथा सहित 38 के खिलाफ हत्या व हत्या के प्रयास, आग लगाने सहित कई गंभीर धाराओं में रूरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। मंगलवार को लेखपाल और जेसीबी चालक को गिरफ्तार कर लिया था।
परिजन एसडीएम और इलाके के थानेदार की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए थे और शवों का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने परिवार के शिवम से बातचीत की। इसके बाद शवों का अंतिम संस्कार करने को परिवार तैयार हुआ था।