जीवन में पाप कर्मों से हमें बचना चाहिए: संत रामप्रकाशजी

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बेंगलुरू : सीरवी समाज कर्नाटक ट्रस्ट बलेपेट भवन में गुरूवार चातुर्मास विराजित रामप्रकाशजी ने शिव महापुराण कथा का श्रवण किया। कथा मे बताया कि शिव महापुराण उत्तम शास्त्र है। पृथ्वी लोक में सभी मनुष्यों को भगवान शिव के विशाल स्वरूप को समझना चाहिए। इसे पढना एवं सुनना सर्वसाधक है। यह मनोवांछित फलों देने वाला है। इसे मनुष्य निष्पाप हो जाता है।

तथा इस सुखों का उपभोग करके अंत में शिवलोक को प्राप्त करता है । वे सदा सुखी रहते है। कथा का शुभारंभ आईमाता के समक्ष दीप प्रज्वलित से हुआ। इस कार्यक्रम में वडेर के सचिव अमराराम चोयल ने कहा की सभी श्रद्धालुओं को चातुर्मास में कथा सुनने का लाभ लेना चाहिए। मंदिर के पुजारी अन्नाराम परिहारिया ने भगवान शिव शंकर के मधुर भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

इस अवसर पर आरती व प्रसाद के लाभार्थी हरिराम गेहलोत, प्रकाश गेहलोत, नारायण लाल पंवार, केसाराम हाम्बड़ रहे। इस कार्यक्रम में उपाध्यक्ष अन्नाराम परिहारिया, कोषाध्यक्ष मोतीराम लचेटा, सह-कोषाध्यक्ष लक्ष्मणराम पंवार, बलेपेट वडेर के पूर्व सचिव नारायणलाल लचेटा, पूर्व सचिव ओमप्रकाश बर्फा, सांस्कृतिक कमेटी के अध्यक्ष कमल किशोर काग, महिला मंडल अध्यक्ष भंवरीबाई, सचिव रेखा बाई ने व्यवस्था में सहयोग दिया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं एवं पुरूष मौजूद थे ।

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Author: mahatvapoorna

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