भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 दिनों की यात्रा पर फ्रांस की राजधानी पहुंच गये हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के निमंत्रण पर पीएम मोदी को बैस्टिल डे परेड में सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो गए हैं और इस मौके पर भारत और फ्रांस के बीच कई अहम घोषणाएं होने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच यह एक बड़ा कूटनीतिक मील का पत्थर है और इसे चिह्नित करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की यात्रा पर पहुंचे हैं।
पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के निमंत्रण पर 13 जुलाई और 14 जुलाई को पेरिस में रहेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ताएं होंगी, जिसका फोकस रक्षा और अंतरिक्ष सेक्टर पर रहेगा। हालांकि, पीएम मोदी की यात्रा का एक मुख्य आकर्षण बैस्टिल दिवस समारोह होगा, जिसमें भारतीय प्रधान मंत्री को सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
फ्रांस पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बैस्टिल दिवस समारोह में शामिल होना एक दुर्लभ सम्मान है और आखिरी बार इसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शामिल हुए थे। बैस्टिल दिवस या फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस पर, फ्रांस हर साल बैस्टिल दिवस परेड आयोजित करता है, जिसे यूरोप में सबसे पुराना और सबसे बड़ा कार्यक्रम माना जाता है। यह काफी हद तक भारत के गणतंत्र दिवस जैसा है, जिसमें फ्रांस की सैन्य ताकत का प्रदर्शन होता है। लेकिन भारत के विपरीत, विदेशी नेताओं को समारोहों में शायद

ही कभी आमंत्रित किया जाता है। इससे पीएम मोदी की मौजूदगी और भी अहम हो जाती है। आखिरी बार किसी विदेशी नेता को बैस्टिल डे पर 2017 में आमंत्रित किया गया था – वह तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प थे। बैस्टिल दिवस क्या है? फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस हर साल 14 जुलाई को मनाया जाता है। जबकि अंग्रेजी भाषी देशों में इसे बैस्टिल दिवस के रूप में जाना जाता है, फ्रांस में इसे औपचारिक रूप से फेटे नेशनेल फ़्रैन्काइज़ (फ़्रेंच राष्ट्रीय उत्सव) कहा जाता है। बैस्टिल दिवस, फ्रांसीसी इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक, यह बैस्टिल, एक सैन्य किले और राजनीतिक जेल के पतन का प्रतीक है, जिसे 18वीं शताब्दी में राजशाही और शस्त्रागार का प्रतीक माना जाता था।
इस हमले ने फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत का संकेत दिया था। 14 जुलाई को बैस्टिल दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है? 1789 में, फ्रांस भोजन की कमी का सामना कर रहा था और देश में लोगों को भारी टैक्स देना पड़ता था। टैक्स कलेक्शन को तत्कालीन राजा लुई XVI के ऋणों के समाधान के रूप में देखा था। फ्रांस के राजा ने देश की जनता पर एक के बाद एक कई नये टैक्स थोप दिए, जिसको लेकर लोगों में भारी गुस्सा भर गया और लोगों ने विद्रोह कर दिया। जनता का विद्रोह 14 जुलाई 1789 को समाप्त हुआ था। पेरिसवासियों ने आग्नेयास्त्रों और तोपों को लूटने के लिए होटल डेस इनवैलिड्स तक मार्च किया और फिर उचित गोला-बारूद की तलाश में बैस्टिल के प्राचीन शाही किले की ओर प्रस्थान किया। और फिर उसके बाद से ही फ्रांस में बैस्टिल दिवस मनाया जाने लगा।