
नई दिल्ली: नई संसद की लोकसभा में मर्यादा की सभी सीमाएं लांघ दी गई। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री पुरानी कटुता भूलाकर नई शुरुआत करने की बात कर रहे है वहीं बीजेपी सांसद लोकसभा में एक मुसलमान सांसद को गाली देते भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में कार्यवाही के दौरान शब्दों की मर्यादा भूल बसपा सांसद दानिश अली को लेकर अभद्र टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘ओए भड़वे, ओए उग्रवादी, ऐ उग्रवादी बीच में मत बोलना, भड़वे… ये आतंकवादी-उग्रवादी है, ये मुल्ला आतंकवादी है…इसकी बात नोट करते रहना अभी बाहर देखूंगा इस मुल्ले को’ यह सुनते ही विपक्ष के लोगों ने जमकर हंगामा किया।
दरअसल, लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने वाले 128वें संविधान संशोधन विधेयक को संसद से मंजूरी मिल गई है। इस पर सांसद रमेश बिधूड़ी लोकसभा में अपना बयान दे रहे थे। बीच में ही बसपा सांसद ने टोक दिया जिससे गुस्से से लाल बीजेपी सांसद ने चलती सदन में मुस्लिम सांसद को मुल्ला,आतंकवादी-उग्रवादी कह दिया और उनके इस व्यवहार पर भाजपा के तमाम सांसद हंसते रहे। विपक्ष के साथ ही आम लोग सांसद बिधूड़ी के इस व्यवहार पर सवाल उठा रहे हैं।
लोग पूछ रहे हैं कि अगर संसद के अंदर भाजपा का एक सांसद दूसरी पार्टी के एक मुस्लिम सांसद को उग्रवादी और आतंकवादी कहकर संबोधित कर रहा है, तो संसद के बाहर एक आम मुसलमानों की हालत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। दक्षिण पंथी हिंदू संगठनों और यहां तक कि भाजपा और प्रधानमंत्री के समर्थक अक्सर मुसलमानों के लिए मुल्ला, उग्रवादी, आतंकवादी और कटुआ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा है कि ये किसी सांसद की भाषा नहीं हो सकती है। ऐसे गुंडों की जगह संसद में नहीं होनी चाहिए। बसपा सांसद दानिश अली ने कल कहा था कि भाजपा सदस्य को अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए।
हालांकि वीडियो वायरल के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान पर खेद जताया है। विवादित टिप्पणी के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसद को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि संसद में मर्यादित शब्दों का ही प्रयोग करें अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी जारी है।
क्या बिधुड़ी को माफ करना चाहिए
लेकिन सवाल ये उठता है कि लोकसभा में कोई धर्म के आधार पर किसी को गाली दे, आतंकवादी कहें क्या उसे सिर्फ इसलिए माफ कर देना चाहिए की उसने नेता ने खेद जता दिया। क्यों नहीं रमेश बिधुड़ी को संसद से पूरे कार्यकाल के लिए निष्कासित कर दिया जाना चाहिए। ताकि आगे सभी सांसद को ये सनद रहे की लोकसभा में सड़क की ज़बान और सांप्रदायिक बातें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।