मलसाबाड़ी गांव में आईमाता भैल रथ का किया ग्रामीणों ने भव्य बधावा

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महिलाओं ने भैल को तिलक लगाकर माता के गाए गीत

पाली : मारवाड़ जंक्शन तहसील में राणावास से मात्र 2 किलोमीटर पूर्व में स्थित ग्राम मलसाबावड़ी पिछले फरवरी महीने में पूरे सीरवी समाज में चर्चित हुआ था जब यहां पर 5 फरवरी 2023 माघ सुदी पूनम को श्री आई माताजी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से संपन्न हुई थी। यहां पर श्री आई माताजी मंदिर के समक्ष छोटे छोटे मंदिर बनाकर यहां रहने वाली गौत्र की कुलदेवियों को एक साथ विराजमान किया ये यहां की मुख्य विशेषता है यहां विराजमान देवियों में शीतला माता,आदि गौत्र पंवारों की कुलदेवी अर्बुदा माता, आदि गौत्र राठौड़ों की कुल देवी नागणेच्या माता और आदि गौत्र गहलोतों की कुलदेवी बाण माताजी हैं।

कल शाम को यहां बहुत उत्साह से माताओं बहनों और बांडेरुओं द्वारा श्री आई माताजी धर्मरथ भैल का भव्य बधावा किया गया रात्रि में महिला के कोकिल कंठा स्वर में शानदार भजनों की प्रस्तुति रही। यह गांव लगभग 250 घर की बस्ती है जिसमें राजपूत, सीरवी, देवासी, कुम्हार, मेघवाल, बावरी, जटिया, नाथ, सरगरा, रावणा राजपूत, जोगी आदि जाति के परिवार रहते हैं इस गांव में सीरवी समाज के लगभग 100 घर है जिन में पंवार गौत्र का बाहुल्य है लगभग दो तिहाई पंवार है, अन्य गौत्र में गहलोत, हाम्बड़, भायल, राठौड़, बर्फा, मुलेवा आदि गौत्र के सीरवी यहां निवास करते हैं वर्तमान में यहां पर कोटवाल जोगाराम जी पंवार जमादारी मांगीलाल पंवार एवं पुजारी नारायण लाल पंवार उचावद तहसील अंजड़ जिला बड़वानी मध्य प्रदेश वाले हैं जो इससे पहले मारवाड़ जंक्शन बडेर में माताजी मंदिर में पुजारी थे इससे पहले आप सीरवी समाज भवन हरिद्वार में भी सेवा दे चुके हैं जो बहुत शानदार पूजा अर्चना कर रहे हैं एवं मंदिर का भी अच्छा रख रखाव रख रहे हैं।

मलसाबावड़ी से व्यवसाय व्यापार के लिए हैदराबाद बेंगलुरु मुंबई पुणे चेन्नई और राणावास में सीरवीअपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं, मलसाबावड़ी से दक्षिण भारत में सबसे पहले बेंगलुरु में थाना राम गहलोत तथा हैदराबाद में नारायण जी पंवार और पुख जी पंवार ने भावी पीढ़ी के लिए रास्ता बनाया यहां से वर्तमान में हर घर से एक दुकान है। वर्तमान समय में मलसाबावड़ी ठाकरवास पंचायत से श्रीमती रंभादेवी मुलेवा सरपंच पद पर आसीन है आपके पुत्र सज्जन जी मुलेवा जिला परिषद सदस्य हैं इस गांव का जल मीठा है वर्ष पर गांव के कुओं में अच्छा पानी रहता है सीरवी समाज के लगभग 10-12 बेरे हैं जिन पर लगभग 500 -700 बीघा जमीन है।

मलसाबावड़ी राणावास से 2 किलोमीटर पूर्व में, गुड़ासूर सिंह से 3 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है इसके चारों और सिचाणा, ठाकरवास, बड़ी, रडावास, गुड़ा रुगनाथ सिंह, प्रेमसिंह गुड़ा, गुड़ा मेहकरण, गुड़ा दुर्जन तथा चौकड़िया गांव आए हुए हैं इस तरह यह गांव खेती-बाड़ी में समृद्ध है, व्यापार-व्यवसाय में उन्नति करते हुए फल फूल रहा है लेकिन अभी तक नौकरी में किसी ने भी खाता ही नहीं खोला है अब आशा करते हैं की नई पीढ़ी तैयारी कर उच्च सेवा में स्थान प्राप्त कर मलसाबावड़ी गांव का नाम रोशन करें। ये जानकारी दीपाराम काग गुड़िया द्वारा दी गई।

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