रविंद्र सिंह भाटी शिव तहसील के ऊपर बहुत सुंदर कविता

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Ravindra Singh Bhati Very beautiful poem on Shiv Tehsil रविंद्र सिंह भाटी शिव तहसील के ऊपर बहुत सुंदर कविता
रविंद्र सिंह भाटी शिव तहसील के ऊपर बहुत सुंदर कविता

भाटी कुल का लाडला, कूद गया मैदान!
रवि को कौन रोक सके, खुद ही प्रकाशमान !!

रण का वो रणवीर है, भाटी कुल का भान!
चढ़ी भौह पर शूरता, आया सीना तान!!

बदलो कुछ तो राज के, नियम कायदे शान!
बदला लो यूँ बदल के, मान मिले सम्मान!

बाड़मेर की वीरता, आन बान की शान!
शिवमें करो उथलफुथल, जन गावें गुणगान!!

भाटी तेरी जीत है, जगा दे स्वाभिमान!
रजपूती की लाज भी,रखना युवकों ध्यान!!

साथ कौम छत्तीस है, जन जन की है जान!
ताल ठोक, कर सामना, मजबूत दे प्रमाण!!

राजनीति के पाठ में, नया लिखों अध्याय!
सहन बिलकूल मत करो, होता हो अन्याय!!

बदलो कुछ तो कायदे, रजपूती रजपूत!
बागी बनकर जीत लो, ये पूत है सपूत!!

मधुर जाखली कह रहा, जबर भरोसा ठान!
जीत गया ये दिख रहा, मान गए हैं मान!!

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