,बेंगलुरू: राजपूत समाज भवन कर्नाटक राणापेट में चल रही भागवत कथा का समापन मंगलवार को हुआ। गीता एंव श्रीमद् भागवत महापुराण की संत रामप्रकाश महाराज के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रमण किया। विगत नौ दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के प्रेम, असीम प्रेत के अलावा, उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में नशा मुक्ति ,अत्याचार, अनाचार, कटुता, को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
इस धार्मिक अनुष्ठान के अंतिम दिन भागवत श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला, श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्घार,रूक्मणी विवाह शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगो को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एंव धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। संत रामप्रकाश महाराज ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने कहा जो काम प्रेम से माध्यम से संम्भव है, वह हिंसा से संभव नही हो सकता है।
इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष मनोहरसिंह कुम्पावत पूर्व अध्यक्ष गाइडसिंह कुम्पावत, मदनसिंह चौहान, सोहनसिंह बालावत, सचिव रविंद्र सिंह पड़ियार, कोषाध्यक्ष मनोहरसिंह सोलंकी, खेतसिंह दया, गजेंद्र सिंह जेतावत, गणपतसिंह राठौड़, मगसिंह दया, गजेंद्र सिंह चौहान, फतेसिंह ,विक्रम सिंह, हड़मत सिंह बालावत, सुजानसिंह देवल, स्वसिंह महेंद्र सिंह देवड़ा एंव 36 कोम के गणमान्य उपस्थित रहे। भागवत कथा में दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया।