रेलवे का नया सर्कुलर रेल हादसे के शिकार यात्रियों को देगा 10 गुना ज्यादा मुआवजा

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रेलवे का नया सर्कुलर रेल हादसे के शिकार यात्रियों को देगा 10 गुना ज्यादा मुआवजा

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे बोर्ड ने एक नया सर्कुलर जारी किया है। रेलवे बोर्ड ने ट्रेन दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं में शामिल मृत और घायल यात्रियों के आश्रितों को भुगतान की जाने वाली अनुग्रह राहत राशि को संशोधित करने का निर्णय लिया है। रेलवे बोर्ड ने बड़ा फैसला लेते हुए रेल हादसे के शिकार हुए लोगों को मिलने वाले मुवाअजे में बड़ी बढ़ोतरी है। अब अगर कोई यात्री रेल हादसे में जान गंवाता है या घायल होता है तो उसे पहले के मुकाबले 10 गुना ज्यादा मुवाअजा मिलेगा। बता दें कि इससे पहले रेलवे की ओर से अनुग्रह राशि को आखिरी बार साल 2012 और 2013 में संशोधित किया गया था।

क्या बोला रेलवे?

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि ट्रेन दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं में जान गंवाने वाले और घायल यात्रियों के आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राहत राशि में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही जो मानवयुक्त समपार फाटक पर रेलवे की प्रथम दृष्टया जवाबदेही के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, उन्हें भी अधिक मुवाअजा मिलेगा। रेलवे के अनुसार, संशोधित अनुग्रह राशि 18 सितंबर की तारीख से लागू की जाएगी।

कितने रुपये मिलेंगे?
ट्रेन और मानवयुक्त समपार दुर्घटनाओं में मृत यात्रियों के परिजन को अब 50 हजार के बजाय 5 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को 25 हजार के बजाय 2.5 लाख रुपये दिए जाएंगे। वहीं, साधारण चोट वाले यात्रियों को 5 हजार के बजाय 50,000 रुपये मिलेंगे। वहीं, रेलवे के अनुसार, किसी अप्रिय घटना में मृत व्यक्ति के आश्रितों, गंभीर रूप से घायल और साधारण रूप से घायल यात्रियों को क्रमशः 1.5 लाख रुपये, 50,000 रुपये और 5,000 रुपये का मुआवजा मिलेगा। बता दें कि अप्रिय घटनाओं में आतंकवादी हमला, हिंसक हमला और ट्रेन में डकैती जैसे अपराध शामिल हैं। पहले ये राशि 50,000 रुपये, 25,000 रुपये और 5,000 रुपये निर्धारित थी।

अन्य सुविधाएं भी
पीटीआई के अनुसार, रेलवे ने कहा है कि ट्रेन दुर्घटनाओं के मामले में गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 30 दिनों से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रखने पर अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा। घायल यात्रियों को हर 10 दिन की अवधि के अंत या छुट्टी की तारीख, जो भी पहले हो ऐसे में 3,000 रुपये प्रति दिन जारी किए जाएंगे। बता दें कि, रेलवे अधिनियम 1989 के अनुसार, दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं में यात्रियों की मृत्यु या चोट के लिए मुआवजा देने का दायित्व निर्धारित किया गया है।

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