शहीदों के सम्मान में शुरू होगा ‘मेरी माटी मेरा देश अभियान’, मन की बात में PM मोदी का ऐलान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  देश के शहीदों के सम्मान में  घोषणा करते हुए कहा  स्वतंत्रता दिवस से पूर्व मेरी माटी, मेरा देश’ अभियान शुरू किया जाएगा।  मन की बात के 103 वे भाग में अपने विचार साझा करते हुए  पीएम मोदी ने कहा कि हर जगह ‘अमृत मोहत्सव’ की गूंज है और 15 अगस्त पास ही है तो देश में एक और बड़ा अभियान शुरू किया जा रहा है। इस दौरान लाखों ग्राम पंचायतों में विशेष शिलालेख भी स्‍थापित किए जाएंगे

पूरे भारत में कार्यक्रम आयोजित

उन्होंने कहा, शहीद वीर-वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान शुरू होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों की याद में पूरे भारत में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और लाखों ग्राम पंचायतों में विशेष शिलालेख भी स्‍थापित किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि ‘मेरी माटी, मेरा देश’ अभियान के अंतर्गत देशभर में अमृत कलश यात्रा आयोजित की जाएगी। मोदी ने कहा, ‘‘देश के गांव-गांव से, कोने-कोने से 7,500 कलशों में मिट्टी लेकर यह ‘अमृत कलश यात्रा’ देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेगी। यह यात्रा अपने साथ देश के अलग-अलग हिस्सों से पौधे लेकर भी आएगी।

25 वर्षों के अमृतकाल के लिए ‘पंच प्रण’ 

उन्होंने कहा कि कलश में आई माटी और पौधों के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के समीप ‘अमृत वाटिका’ का निर्माण किया जाएगा। मोदी ने कहा, ‘‘यह अमृत वाटिका ‘एक भारत-श्रेठ भारत का’ भी बहुत ही भव्य प्रतीक बनेगी। मैंने पिछले साल लाल किले से अगले 25 वर्षों के अमृतकाल के लिए ‘पंच प्रण’ की बात की थी। ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान में हिस्सा लेकर हम इन ‘पंच प्रणों’ को पूरा करने की शपथ भी लेंगे। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से देश की पवित्र मिट्टी को हाथ में लेकर शपथ लेते हुए अपनी सेल्फी को वेबसाइट ‘युवा डॉट गॉव डॉट इन’ पर अपलोड करने की अपील भी की।

बाढ़ की बर्बादी से प्रभावित लोगो के बोली बात 

पीएम मोदी ने कहा कि यमुना समेत कई नदियों में बाढ़ से कई इलाकों में लोगों को तकलीफ उठानी पड़ी है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं भी हुईं हैं। इसी दौरान देश के पश्चिमी हिस्से में कुछ समय पूर्व गुजरात के इलाकों में बिरपरजॉय साइक्लोन भी आया, लेकिन इस आपदाओं के बीच हम सब देशवासियों ने फिर दिखाया है कि सामूहिक प्रयास की ताकत क्या होती है। स्थानीय लोगों ने, हमारे NDRF के जवानों ने, स्थानीय प्रशासन के लोगों ने, दिन-रात लगाकर ऐसी आपदाओं का मुकाबला किया है।

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