श्री पार्श्वनाथ नाथ की भक्ति से होता है दुखों का नाश : मुनि श्री राज पदम सागर महाराज

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बेंगलुरू : श्री शांतिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के तत्वाधान में आयोजित चातुर्मास के दरमियान जेपीपी समणी सेंटर में मुनि श्री ने बहुत बड़ी संख्या में श्रावक एवं श्राविकाओं ने मंगलकारी सर्व विघ्न निवारक सर्व मनोवांछित को पूर्ण करने वाला ऐसे 23 वे तीर्थंकरश्री पारसनाथ परमात्मा का भव्य अनुष्ठान हुआ। महाराज साहब ने समझाया कि अरिहंत परमात्मा की भक्ति करने से सब दुखों का नाश होता है। और अष्ट प्रकारी पूजा के विषय में समझाया की अरिहंत परमात्मा सब दुख से मुक्ति देते हैं। एवं सर्व दोषो का निवारण करते हैं! प्रभु सर्वगुण संपन्न है।

अनंत गुणो के भंडार है उनकी भक्ति करने से हमारे मे रही कमियां एवं दोष सब दूर हो जाते हैं। परमात्मा की भक्ति करने से पाप दूर होते हैं ! परमात्मा श्री पारसनाथ परमात्मा की महिमा अपरम पार है। उनकी महिमा तीनो जगत में है । पारसनाथ परमात्मा भी पूर्व भव में देवता थे । तब उन्होंने अरिहंत परमात्मा की भक्ति की थी, 500 कल्याणक की उजवानी कि थी।

इस लिए पारसनाथ प्रभु की महिमा उनका नाम और उनकी कीर्ति चारों तरफ फैली है। पार्श्वनाथ भगवान के 108 से भी अधिक नाम है। उनकी आराधना साधना करने से उनके नाम का स्मरण करने से हमारे पाप दूर होते हैं। अनुष्ठान के लाभार्थी परिवार संघवी माणक चंद जी मंगल चंद जी आच्छा परिवार रहे। सतीकरं तप की पूर्णाहुति हुई। एवं घर-घर अठाई हर घर अठाई में बहुत सारे महानुभाव ने अपना नाम प्रदान किया।

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