जन्म और प्रारंभिक जीवन
जयपुर: राजस्थान के भरतपुर जिले के अटारी गांव में जन्मे भजनलाल शर्मा एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई, जिसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। युवावस्था में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए और वहीं से उनकी राजनीतिक यात्रा शुरू हुई।
राजनीतिक सफर
भजनलाल शर्मा ने 1990 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के माध्यम से राजनीति में कदम रखा। वर्ष 2000 में, मात्र 27 वर्ष की उम्र में, वे अपने गांव अटारी के सरपंच चुने गए और 2005 तक इस पद पर बने रहे। इसके बाद, 2010 से 2015 तक वे पंचायत समिति के सदस्य के रूप में कार्यरत रहे।
संगठन में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें 2009 से 2014 तक भरतपुर जिले का भाजपा अध्यक्ष बनाया गया। 2014 से 2016 तक वे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे और 2016 में उन्हें भाजपा प्रदेश महामंत्री की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई।
मुख्यमंत्री बनने तक का सफर
2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में उन्होंने जयपुर की सांगानेर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और शानदार जीत हासिल की। चुनाव में पार्टी की जीत के बाद भाजपा नेतृत्व ने उन्हें राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया। 12 दिसंबर 2023 को उन्होंने राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
जाति और सामाजिक पृष्ठभूमि
भजनलाल शर्मा ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और समाज में उनकी गहरी पकड़ है। उनकी सादगी, संगठन क्षमता और मेहनत की वजह से वे पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय हैं।
भविष्य की चुनौतियां
मुख्यमंत्री बनने के बाद भजनलाल शर्मा के सामने राज्य की विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने, कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने जैसी कई अहम चुनौतियां हैं। उनके नेतृत्व में सरकार से प्रदेश की जनता को कई उम्मीदें हैं।