नागौर: बीजेपी के पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित को 20 साल पुराने दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाई गई है। नागौर की एडीजे कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए 10 साल कैद की सजा दी है, साथ ही एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। यह पैसा रेप पीड़िता को दिया जाएगा। फैसला सुनाए जाने के समय 86 वर्षीय पूर्व विधायक राजपुरोहित व्हीलचेयर पर कोर्ट आए थे। जैसे ही कोर्ट ने फैसला सुनाया पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर परबतसर जेल भेज दिया।
पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित की बढ़ी मुश्किलें
भंवरलाल राजपुरोहित नागौर की मकराना सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक रह चुके हैं। नागौर की एडीजे कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई और पूर्व विधायक को दोषी करार दिया गया, साथ ही अब सजा का ऐलान भी हो गया। पूरा मामला अप्रैल 2002 का है, इस घटना के करीब डेढ़ साल बाद राजपुरोहित बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। उन्हें 2003 के विधानसभा चुनाव में मकराना सीट से पार्टी का टिकट दिया गया था, रिजल्ट आने पर उन्हें जीत भी मिली थी। विधायक बनने से पहले उन्हें चार बार मकराना पंचायत समिति का प्रधान भी चुना गया था।
2002 का है पूरा मामला, कोर्ट ने अब सुनाई सजा
पूरा मामला 1 मई, 2002 का है, जब नागौर गांव की एक 22 वर्षीय महिला ने भंवरलाल राजपुरोहित के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। बताया जा रहा कि वारदात को तब अंजाम दिया गया जब राजपुरोहित ने महिला को एक बहाने से घर पर बुलाया। महिला को मुंबई में उसके पति से फोन पर बात करवाने के बहाने घर बुलाया गया था। वो राजपुरोहित के घर कुएं से पानी लाने गई थी। उस दिन राजपुरोहित की पत्नी घर पर नहीं थी।
क्या था पूरा मामला, कैसे पीड़िता को मिला न्याय
बताया जा रहा कि रेप के बाद भंवरलाल राजपुरोहित ने महिला को 500 रुपये दिए और चुप रहने को कहा था। हालांकि, महिला इसके लिए राजी नहीं हुई। यही नहीं इस घटना के बाद महिला गर्भवती हो गई और उसे गर्भपात कराना पड़ा। बाद में जब पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया तो पीड़िता ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट के निर्देश पर राजपुरोहित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में मकराना के अतिरिक्त सत्र न्यायालय में पिछले 20 साल से मामला चल रहा था। अब बीजेपी के पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित को 20 साल पुराने दुष्कर्म के मामले में नागौर एडीजे कोर्ट ने मंगलवार को 10 साल कैद और एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।