सिवाना: बाड़मेर जिले की सिवाना तहसील के मेली गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। गांव के अस्पताल में न तो कोई स्थायी डॉक्टर है और न ही आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। नर्स भी मनमर्जी से आती-जाती हैं, जिससे ग्रामीणों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। मजबूरन मरीजों को अन्य गांवों या शहरों में महंगा इलाज करवाना पड़ता है, जिससे आर्थिक और मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती है।
ग्रामीणों का कहना है कि सिवाना तहसील मुख्यालय से महज 9 किलोमीटर दूर होने के बावजूद अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है। प्रशासन से कई बार शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। बरसात के समय हालात और भी बदतर हो जाते हैं, क्योंकि अस्पताल परिसर व रास्ते पानी से भर जाते हैं, जिससे मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में भी मुश्किल होती है। स्थानीय लोगों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि अस्पताल में स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति हो, नर्सों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति हो और अस्पताल को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाए।
सरकार को अविलंब कदम उठाने की जरूरत
स्वास्थ्य सुविधा हर नागरिक का मूल अधिकार है, और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ग्रामीण इलाकों में भी लोग बिना किसी परेशानी के इलाज प्राप्त कर सकें। सिवाना के मेली गांव के लोगों की यह मांग पूरी तरह जायज है और प्रशासन को जल्द से जल्द इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि ग्रामीणों को उचित इलाज मिल सके और उन्हें अपनी जान बचाने के लिए दूर-दराज के अस्पतालों में न भटकना पड़े।