रेलवे ने बदला अपग्रेडेशन सिस्टम, 1 मई 2025 से लागू हुए नए नियम
नई दिल्ली, भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट रखने वाले यात्रियों के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब स्लीपर क्लास में वेटिंग टिकट वालों को फर्स्ट एसी में ऑटोमैटिक अपग्रेड नहीं मिलेगा, चाहे सीट खाली ही क्यों न हो।
अब सिर्फ दो श्रेणी तक ही अपग्रेड
रेलवे की नई व्यवस्था के अनुसार, अब स्लीपर क्लास के टिकट को अधिकतम दो श्रेणी ऊपर तक ही अपग्रेड किया जाएगा। यानी स्लीपर से केवल थर्ड एसी (3A) या सेकंड एसी (2A) तक ही अपग्रेड किया जा सकता है।
रेलवे के अनुसार, यह बदलाव रिजर्व्ड कोचों में सीटों के बेहतर प्रबंधन और हायर कैटेगरी कोचों में भीड़ नियंत्रण के उद्देश्य से किया गया है। इस बदलाव को लागू करने के लिए सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) अपने सॉफ्टवेयर को भी अपडेट कर रही है।
पहले क्या था नियम?
पहले वेटिंग टिकट वाले यात्रियों का टिकट, सीट उपलब्धता के अनुसार, बुकिंग कैटेगरी से ऊपर की किसी भी श्रेणी — जैसे कि 3A, 2A या 1A — में स्वतः अपग्रेड कर दिया जाता था। अब इस व्यवस्था में संशोधन कर फर्स्ट एसी में स्लीपर टिकट का अपग्रेड बंद कर दिया गया है।
ऑटो अपग्रेड के लिए जरूरी शर्तें
- यह सुविधा तभी मिलेगी जब टिकट बुक करते समय Auto-Upgrade का विकल्प “Yes” चुना गया हो या इसे डिफ़ॉल्ट पर छोड़ा गया हो।
- अगर किसी यात्री ने “No” चुना है तो अपग्रेड नहीं किया जाएगा, चाहे सीटें उपलब्ध हों।
- विकल्प न चुनने पर सिस्टम इसे स्वतः “Yes” मान लेता है।
1 मई से लागू हुए नए नियम – वेटिंग टिकट पर नहीं मिलेगा स्लीपर/एसी में सफर का मौका
रेलवे ने 1 मई 2025 से एक और अहम बदलाव किया है। अब वेटिंग टिकट रखने वाले यात्रियों को स्लीपर या एसी कोच में यात्रा की अनुमति नहीं होगी। उन्हें केवल जनरल कोच में ही यात्रा करनी होगी।
यदि कोई यात्री वेटिंग टिकट के साथ स्लीपर या एसी कोच में सफर करता पाया गया, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। एसी कोच में यात्रा पर ₹440 और स्लीपर में ₹250 का जुर्माना निर्धारित किया गया है। साथ ही अब IRCTC की वेबसाइट या ऐप से टिकट बुक करते समय OTP आधारित मोबाइल वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा।